Cairn की भारत को धमकी : 1.4 अरब डॉलर वसूलने के लिए जब्त करेंगे विदेशी संपत्ति
नयी दिल्ली। यूके की केयर्न एनर्जी ने भारत को एक पुराने टैक्स मामले में 1.4 अरब डॉलर की विदेशी संपत्ति जब्त करने की धमकी दी है। ये मामला मध्यस्थता (Arbitration) का है, जिसमें फैसला केयर्न के पक्ष में गया था। केयर्न एनर्जी कुल 1.4 अरब डॉलर के भारतीय बैंक खाते, हवाई जहाज और अन्य विदेशी संपत्तियों को जब्त कर सकती है। भारत सरकार ने मध्यस्थता फैसले को पूरा नहीं किया, जिसके कारण ब्रिटिश फर्म ने उन विदेशी भारतीय संपत्ति की पहचान करना शुरू कर दी है जिन्हें ये जब्त कर सकती है।
भारतीय उच्चायुक्त को लिखा लेटर
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार लंदन में भारतीय उच्चायुक्त को 22 जनवरी के पत्र में केयर्न के सीईओ साइमन थॉमसन ने कहा है कि मध्यस्थता अवॉर्ड "अंतिम और बाध्यकारी" है और भारत सरकार का दायित्व है कि वह अपनी शर्तों का पालन करे। इस लेटर की कॉपी प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी भेजी गयी है।
न्यू यॉर्क कन्वेंशन में शामिल है भारत
थॉमसन ने लिखा है कि जैसा कि भारत न्यूयॉर्क कन्वेंशन का एक हस्ताक्षरकर्ता (यानी इसमें शामिल) है, यह फैसला दुनिया भर में भारतीय संपत्ति के खिलाफ लागू किया जा सकता है, जिसके लिए कुछ जरूरी कदम उठाए भी गए हैं।
ये है पूरा मामला
2019 में कोनोकोफिलिप्स ने 200 करोड़ डॉलर के कंपनसेशन के लिए वेनेजुएला की ऑयल कंपनी पीडीवीएसए की संपत्तियों को जब्त करने के लिए एक अमेरिकी अदालत का रुख किया था। बाद में पीडीवीएसए ने कोनोकोफिलिप्स को पेमेंट कर दी। फिर 3 मेम्बरों के एक ट्रिब्यूनल ने (जिसमें एक जज की नियुक्ति भारत सरकार ने की थी) ने 2006-07 में केयर्न एनर्जी से इसके भारतीय व्यापार के लिए सरकार द्वारा 10,247 करोड़ रु की टैक्स डिमांड को गलत बताया। साथ ही भारत सरकार को बेचे गए शेयरों की वैल्यू और प्राप्त किया गया लाभांश लौटाने को भी कहाथा। इसके अलावा वो टैक्स रिफंड्स लौटाने को भी कहा जो टैक्स एनफोर्स करने के लिए रोका गया था। अगर भारत इस आदेश का पालन नहीं करता है तो यह अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन होगा, जिसे आमतौर पर न्यूयॉर्क कन्वेंशन कहा जाता है।
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