Cairn Energy ने Air India पर ठोका मुकदमा, 1.2 अरब डॉलर का है मामला
नई दिल्ली, मई 15। केयर्न एनर्जी ने भारतीय विमानन कंपनी एयर इंडिया के खिलाफ एक अमेरिकी जिला अदालत में मुकदमा किया है। कंपनी ने यह मुकदमा भारत से जीते एक मध्यस्थता मामले के चलते किया है, जो कि 1.2 अरब डॉलर का है। यह मामला टैक्स संबंधी है। भारत सरकार और केयर्न एनर्जी के बीच 1.2 अरब डॉलर के टैक्स विवाद में पिछले साल दिसंबर में एक मध्यस्थता ट्रिब्यूनल ने केयर्न एनर्जी के हक में फैसला दिया था, जिसके तहत भारत सरकार को केयर्न एनर्जी को ये रकम ब्याज सहित अदा करनी है।
भारत सरकार पर दबाव
माना जा रहा है कि एयर इंडिया पर केयर्न इंडिया के मुकदमे से भारत सरकार पर 1.2 अरब डॉलर + ब्याज अदा करने का दबाव बढ़ेगा। मध्यस्थता ट्रिब्यूनल ने कहा था कि भारत ने ब्रिटेन के साथ निवेश संधि का उल्लंघन किया। साथ ही था कि नई दिल्ली भुगतान के लिए उत्तरदायी है। केयर्न ने न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के लिए अमेरिकी जिला न्यायालय में शुक्रवार को मुकदमा दायर किया है। इस मुकदमे में भारत सरकार से मिलने वाली रकम को एयर इंडिया से वसूलने की मांग की गयी है।
केयर्न की धमकी
यूके की केयर्न एनर्जी ने जनवरी में भारत को इस मामले में विदेशी संपत्ति जब्त करने की धमकी दी थी। केयर्न एनर्जी द्वारा कुल 1.4 अरब डॉलर के भारतीय बैंक खाते, हवाई जहाज और अन्य विदेशी संपत्तियों को जब्त करने की संभावना जताई गयी थी। भारत सरकार ने मध्यस्थता फैसले को पूरा नहीं किया। इसी वजह से ब्रिटिश फर्म ने उन विदेशी भारतीय संपत्ति की पहचान करना शुरू कर दी है जिन्हें ये जब्त कर सकती है।
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जानिए पूरा मामला
करीब 2 साल पहले कोनोकोफिलिप्स ने 200 करोड़ डॉलर के कंपनसेशन के लिए वेनेजुएला की ऑयल कंपनी पीडीवीएसए की संपत्तियों को जब्त करने के लिए एक अमेरिकी अदालत में केस दर्ज कराया था। बाद में पीडीवीएसए ने कोनोकोफिलिप्स को पेमेंट कर दी। फिर 3 मेम्बरों के एक ट्रिब्यूनल ने (जिसमें एक जज की नियुक्ति भारत सरकार ने की थी) ने 2006-07 में केयर्न एनर्जी से इसके भारतीय व्यापार के लिए सरकार द्वारा 10,247 करोड़ रु की टैक्स डिमांड को गलत बताया। तब भारत सरकार को बेचे गए शेयरों की वैल्यू और प्राप्त किया गया लाभांश लौटाने को भी कहा गया था। साथ ही वो टैक्स रिफंड्स लौटाने को भी कहा गया जो टैक्स एनफोर्स करने के लिए रोके गए।