सरकार ने Laxmi Vilas बैंक को दी DBS बैंक में विलय को मंजूरी
नई दिल्ली: कैश की कमी के चलते संकट में जूझ रहे लक्ष्मी विलास बैंक का डीबीएस बैंक के साथ मर्जर का रास्ता साफ हो गया है। जी हां कैबिनेट ने आज रिजर्व बैंक आफ इंडिया के मर्जर प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
इसके अलावा सरकार ने जमाकर्ताओं के लिए बैंक से निकासी की सीमा को भी हटा लिया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जमाकर्ताओं पर अपनी जमा राशि निकालने के संबंध में कोई और प्रतिबंध नहीं होगा यानी वे बाद में 25000 रुपये से अधिक की निकसी भी कर सकेंगे। इस फैसले से बैंक के 20 लाख डिपॉजिटर और 4000 कर्मचारियों को राहत मिलेगी।

आरबीआई ने बैंक को डूबने से बचाया
आपकी जानकरी के लिए बता दें कि लक्ष्मी विलास बैंक इस साल का दूसरा बैंक है जिसे आरबीआई ने डूबने से बचाया है। इससे पहले मार्च में आरबीआई ने यस बैंक को डूबने से बचाया था। पिछले 15 महीनों में देखा जाए तो लक्ष्मी विलास बैंक तीसरा बैंक है जिसे डूबने से बचाया गया है।

जान लें क्या है डील में खास
डीबीएस इंडिया में लक्ष्मी विलास बैंक के विलय की डील में डीबीएस इंडिया को 563 ब्रांच, 974 एटीएम और रिटेल बिजनेस में 1.6 अरब डॉलर की फ्रेंचाइजी मिलेगी। 94 साल पुराने लक्ष्मी विलास बैंक का नाम खत्म हो जाएगा और साथ ही इसकी इक्विटी भी पूरी तरह खत्म हो जाएगी। अब इस बैंक का पूरा डिपॉजिट डीबीएस इंडिया के पास चला जाएगा। आपको जानकारी दें कि इससे पहले आरबीआई ने लक्ष्मी विलास बैंक पर 16 दिसंबर तक मोरेटोरियम लागू कर दिया था।

कैश निकालने की सीमा हटी
इस दौरान खाताधारक ज्यादा से ज्यादा 25,000 रुपए की रकम ही निकाल सकते थे। लेकिन आज के फैसले के साथ ही यह सीमा खत्म कर दी गई है। अब ग्राहक अपनी जरूरत के हिसाब से पैसा निकाल सकते हैं। जिन लोगों का सैलरी अकाउंट लक्ष्मी विलास बैंक में था या किसी दूसरी तरह की आमदनी आती थी उसे तुरंत रोक दिया गया है और दूसरे बैंक में ट्रांसफर का इंतजाम करने को कहा गया है। इसके लिए खाताधारकों को लेटर लिखकर अपनी सैलरी या दूसरी आमदनी अपने किसी और खाते में ट्रांसफर करने का निवेदन करना होगा। अगर लक्ष्मी विलास बैंक में आपका लोन अकाउंट था तो पहले ईएमआई की रकम 25,000 रुपए में से कट जाएगी।
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