Business Idea : किसान का बेटा ऐसे बना करोड़पति, आज पूरी दुनिया में हो रही चर्चा
नयी दिल्ली। कहते हैं कि हिम्मत न हारने वाले को कामयाबी जरूर मिलती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया साउथ कोरिया के एक किसान के बेटे जिम सेओंग-गॉन ने। जिम सेओंग-गॉन 1980 के दशक में स्टील मैन्युफैक्चरिंग का बिजनेस चला रहे था। मगर उनकी नजर पवन ऊर्जा कारोबार पर पड़ी। जिम ने इस सेक्टर में विकास की संभावनाओं को देखा और इसी में हाथ आजमाने का फैसला किया। वो जिम का एक बेहतर फैसला था। गोल्डमैन सैक्स ग्रुप ने उनकी कंपनी में निवेश किया, जिससे उनकी सीएस विंड कॉर्प विंड टावरों की दुनिया की सबसे बड़ा निर्माता बन गयी है।
शेयरों में जबरदस्त उछाल
पिछले 4 सालों में सीएस विंड कॉर्प के शेयर भाव में काफी बढ़ोतरी हुई है। अकेले 2020 में इस कंपनी का शेयर लगभग पांच गुना बढ़ गया है। वाशिंगटन में मैनेजमेंट में बदलाव के साथ और भी अधिक ग्रोथ के लिए उम्मीद की जा रही है। किसान के बेटे 67 वर्षीय जिम अब दक्षिण कोरिया के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक कंपनी में उनके परिवार की 51 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसकी 1.4 अरब डॉलर है।
विंड पावर के फ्यूचर को पहचाना
ग्लोबल लेवल पर विंड पावर सेक्टर में ग्रोथ की संभावनाओं की पहचान करने में जिम ने काफी तेजी दिखाई। इस उद्योग ने बाकी व्यवसायों की तुलना में तेज ग्रोथ दर्ज की है। 2003 में जिम ने अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) की तरफ शिफ्ट किया। उन्होंने कम श्रम लागत का लाभ उठाने के लिए वियतनाम में सीएस विंड की पहली विंड-टावर फैक्ट्री स्थापित की। पांच साल बाद उनकी कंपनी को गोल्डमैन सैक्स से 4.3 करोड़ डॉलर का निवेश मिला, जिससे उन्हें सात देशों में अपने बिजनेस का विस्तार करने में मदद मिली।
इन देशों में फैला कारोबार
सीएस विंड अब मलेशिया, चीन और यू.के. सहित कई देशों में प्लांट्स चला रही है। ये अपने विंड टावर सीमेंस गेम्स रिन्यूएबल एनर्जी एसए, जनरल इलेक्ट्रिक और वेस्टस विंड सिस्टम्स ए / एस जैसी फर्मों को बेचती है। सीएस विंड अमेरिका में फैक्ट्री लगाने की योजना भी बना रही है, जहाँ नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देश में मौजूद आपूर्तिकर्ताओं को प्राथमिकता देने का वादा लिया है।
नये टार्गेट हैं जरूरी
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 2014 में एक इंटरव्यू में जिम ने कहा था कि एक कारोबार चलाना चैलेंज के लिए लगातार नए लक्ष्यों को खोजना है। जब एक लक्ष्य प्राप्त करते हैं, तो आपको एक नए लक्ष्य की खोज करने की आवश्यकता होती है। यही जिम के बिजनेस मैनेज करने का तरीका रहा है। ग्रीन एनर्जी में शिफ्ट से सीएस विंड की किस्मत चमकी है, जो अब इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर बैटरी और सोलर पैनल तक सब कुछ बनाती है।
सरकारी नीतियां भी मददगार
ट्रेड में डिग्री के साथ सोल की चुंग-एंग यूनिवर्सिटी से स्नातक होने के बाद उन्होंने एक प्रॉपर्टी डेवलपर के रूप में काम किया और अधिक पैसा बनाने के लिए सऊदी अरब चले गए। आज उनकी चर्चा पूरा दुनिया में हो रही है। पूरी दुनिया की सरकारें इस समय ग्रीम एनर्जी पर फोकस कर रही हैं। इससे 2050 तक पूरी दुनिया में एनर्जी डिमांड का 56 फीसदी इसी सेगमेंट से पूरा होगा। ऐसे में सीएस विंड जैसी कंपनियों का फ्यूचर और भी सुनहरा होगा।
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