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Budget 2023 : FD में 5 लाख रु तक का निवेश हो सकता है Tax Free, ये है मामला

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Budget : FD में 5 लाख तक निवेश पर टैक्स छूट की मांग

Budget 2023 : बजट 2023 की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। अलग-अलग हितधारक अपने-अपने सुझाव और मांगे सरकार के पास पहुंचा रहे हैं। इस बीच बैंकों की तरफ से भी एक मांग सरकार तक पहुंचाई गयी है। यदि ये मांग मान ली जाती है तो इससे एफडी के निवेशकों को बहुत तगड़ा फायदा होगा। क्या है ये मांग और कितनी है इसके पूरा होने की उम्मीद, आगे जानते हैं।

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ये है बैंकों की मांग

ये है बैंकों की मांग

अगर भारत के बैंकों की मांग मानी जाती है तो आपकी 5 लाख रुपये तक की एफडी टैक्स फ्री हो सकती है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, बैंक पैसा जुटाने के लिए एक समान अवसर की मांग कर रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि म्यूचुअल फंड और ग्राहकों को टैक्स में छूट देने वाली बीमा कंपनियों की तुलना में उन्हें नुकसान होता है। अगर 5 लाख रु तक की सीमा की जाती है, तो इससे निवेशकों को काफी लाभ होगा।

सरकार से गुहार
बजट से पहले ही बैंकों ने वित्त मंत्रालय के पास 5 लाख रुपये तक की एफडी को टैक्स फ्री बनाने की गुहार लगाई है। बैंक चाहते हैं कि छोटी बचत योजनाओं और बीमा उत्पादों के साथ छोटी-छोटी डिपॉजिट भी प्रतिस्पर्धी बनें। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने बैंकों की ओर से सरकार से संपर्क किया है, जिन्होंने हाल ही में देखा है कि जितनी तेजी से क्रेडिट एक्सपेंशन हो रहा है उतनी तेजी से डिपॉजिट ग्रोथ नहीं हो रही।

क्रेडिट और डिपॉजिट ग्रोथ के बीच अंतर

क्रेडिट और डिपॉजिट ग्रोथ के बीच अंतर

आईबीए अभी यह मांग कर रहा है क्योंकि सरकार बजट सत्र की तैयारी कर रही है और वार्षिक बजट तैयार करने में व्यस्त है, जिसे फरवरी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाएगा। साल के इस समय में, वित्त मंत्रालय सभी हितधारकों के साथ परामर्श करता है और उनसे सुझाव प्राप्त करता है। बता दें कि क्रेडिट और डिपॉजिट ग्रोथ के बीच की खाई चौड़ी होती चली गई है। नवंबर के अंत में यह 9 प्रतिशत तक पहुंच गई। जबकि क्रेडिट 17% बढ़ा, पर जमा राशि 8.2% बढ़ी। डिपॉजिट ग्रोथ की गति अक्टूबर में 9.5% से नवंबर में गिर गई। कुल बैंकिंग डिपॉजिट 173.7 लाख करोड़ रुपये है।

क्रेडिट टू डिपॉजिट रेशियो बढ़ रहा

क्रेडिट टू डिपॉजिट रेशियो बढ़ रहा

क्रेडिट टू डिपॉजिट रेशियो पिछले एक साल से बढ़ रहा है, और इस अवधि में 5 प्रतिशत से अधिक अंक चढ़ते हुए 74.4 पर पहुंच गया। दरों में वृद्धि के बावजूद, बैंक डिपॉजिट बीमा योजनाओं, जो उच्च टैक्स फ्री रिटर्न प्रदान करती हैं, और टैक्स बचाने वाले म्यूचुअल फंड योजनाओं के आगे कम ही हैं।

एक और की गयी है मांग

एक और की गयी है मांग

बैंकों ने वन टाइम सेटलमेंट स्कीम से होने वाले लाभ से चुकाए गए टैक्स पर भी राहत मांगी है। वित्त मंत्रालय के सामने एक और मांग है। ये है पेंशन योजना से संबंधित। राष्ट्रीयकृत और सहकारी बैंकों ने मांग की है कि पेंशन योजना में संशोधन किया जाए और इसे वेतन आयोग जैसे स्ट्रक्चर के तहत लाया जाए, जो समय-समय पर ऑटोमैटिकली अपग्रेड हो जाती है। वर्तमान में, सरकारी बैंकों में वेतनमान यूनियनों और प्रबंधन के बीच द्विदलीय समझौता द्वारा तय किया जाता है।

English summary

Budget 2023 Up to Rs 5 lakh invest in FD Tax Free this is the matter

A demand from the banks has also been sent to the government. If this demand is accepted, then it will greatly benefit the investors of FD.
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