Budget 2023 : जानिए मोदी सरकार का कहां रह सकता है फोकस

Union Budget 2023: केंद्र सरकार के बजट 2022 के अप्रोच को अगले बजट (Budget 2023) के लिए भी जारी रखेगी। पिछले कुछ बजटों में सरकार ने ग्रोथ के लिए जो बुनियाद बनाने पर जोर दिया है, इस बजट में सरकार इकोनॉमी की मजबूत इमारत खड़ा करने की कोशिश जरूर करेगी। खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 16 दिसंबर को इस बात की जानकारी दी है। सितारमण ने देश के प्रमुख उद्योग चैंबर FICCI के एक प्रोग्राम में कहा कि अगामी बजट में सरकार इंडिया के अगले 25 साल के ग्रोथ को ध्यान में रखकर कदम उठाएगी। बजट पेश होने से पहले निर्मता सितारमण के इस बायान को बेहद ही अहम माना जा रहा है। वित्त मंत्री के इस बयान से संकेत मिलता है कि सरकार लॉन्ग टर्म ग्रोथ को ध्यान में रखते हुए बजट में प्रावधान रखेगी। वित्त मंत्री 1 फरवरी, 2023 को यूनियन बजट 2023 (Union Budget) पेश करेंगी।
2047 तक विकसीत देश बानाने पर होगी नजर
कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी नजर 2047 के इंडिया पर है। हम भारत का अगले 25 के ग्रोथ का प्लान बना रहे हैं। हम 2047 की तरफ देख रहे हैं। इस साल आजादी के 100 साल पूरे होंगे। हम अपने बच्चों को 2047 में एक बेहतर और डेवेलप इंडिया देना चाहते हैं। सितारमण ने कहा कि 2047 में इंडिया एक ऐसा देश होगा, जहां युवा और बुजुर्ग एक साथ खुशी और चैन से जीवन जी सकेंगे। लोगों को आगामी बजट से बहुत उम्मीदे हैं। वैश्विक मंदी के आशंका के बीच आने वाले इस बजट में लोग कुछ राहत तलाश रहे हैं।

ग्रोथ की रफ्तार बनाए रखने पर होगा फोकस
आगामी बजट को लेकर जानकारों को कहना है कि मॉनेटरी पॉलिसी में सख्ती के कारण ब्याज दर काफी हद तक बढ़ गया है। जानकार मानते हैं की आने वाले समय में देश की इकोनॉमिक ग्रोथ सुस्त पड़ सकती है। ऐसे में सरकार को ऐसे उपाय करने चाहिए जो इकोनॉमिक ग्रोथ को मेंटेन करें। वित्त मंत्री ने पिछले महीने एक बयान दिया था कि सरकार का फोकस पूंजीगत खर्च पर रहेगा।

पूंजीगत खर्च पर करना होगा फोकस
चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर वी अनंत नागेशवरन का पूंजीगत खर्च को लेकर कहना है कि सरकार के लिए पूंजीगत खर्च की वर्तमान रफ्तार को बनाए रखना बेहद मुश्किल होगा। नागेश्वरन का मानना है कि पब्लिक सेक्टर के लिए कैपिटल इनवेस्टमेंट वर्तमान स्तर पर बनाए रखने की अभी जरूरत नहीं है। पूंजीगत खर्च में वृद्धि जारी रह सकती है। लेकिन यह ज्यादा नहीं होगी। सरकार पूंजीगत खर्च पर फोकस कर रही है।
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