Budget 2022 : जानिए एलआईसी विनिवेश के क्या हैं मायने
नई दिल्ली, जनवरी 28। आगामी बजट 1 फरवरी को पेश होने जा रहा है। ऐसे में सभी लोगों को इंतजार है कि सरकार अपना विनिवेश का रास्ता आगे कैसे करेगी। हालांकि अभी तक लगभग हर बजट में विनिवेश के बड़े बड़े टार्गेट तय हुए हैं, लेकिन अगर यह पूरे नहीं हो पाए हैं।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2022 को को संसद में बजट पेश करेंगी। अभी तक सरकार को विनिवेश का टार्गेट हासिल करने का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है। जानकारों के अनुसार अगले वित्त वर्ष के लिए भी विनिवेश के लक्ष्य में ज्यादा बदलाव होता नहीं दिख रहा है। इसका एक कारण 5 राज्यों में होने वाले चुनाव भी हो सकते हैं। क्योंकि अगर विनिवेश का ज्यादा बड़ा टर्गेट तय किया तो विपक्ष को यह एक मुद्दे के रूप में मिल जाएगा। इस विषय पर पहले भी सरकार की आलोचना होती रही है।
वहीं सरकार ने 2 साल पहले भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के विनिवेश की प्रक्रिया को शुरू किया था, लेकिन अब तक यह काम पूरा नहीं हो सका है। वैसे सरकार ने चालू वित्त वर्ष (2021-22) के लिए विनिवेश का टर्गेट 1.75 लाख करोड़ रुपये का तय किया है। इसमें से लगभग 1 लाख करोड़ रुपये केवल एलआईसी के विनिवेश से ही हासिल किया जाना था। अधिकारियों ने कहा है कि एलआईसी का विनिवेश चालू वित्तीय वर्ष में मार्च तक पूरा हो जाएगा।
हालांकि मॉर्गन स्टेनली ने अपनी बजट नोट में लिखा है कि एलआईसी में विनेवेश का प्रोसेस सरकार इस साल मार्च तक पूरा कर लेना चाहती है। लेकिन, अभी बचे समय को देखते हुए इस प्रोसेस के आगे बढ़ जाने के आसार हैं। ऐसा होने पर हमें अगले वित्त वर्ष में डिसइन्वेस्टमेंट टार्गेट 1.25 लाख करोड़ रुपये ज्यादा रहने की उम्मीद है।
इस वित्त वर्ष के दौरान सरकार को बीपीसीएल, बीईएमएल, शिपिंग कॉर्पोरेशन और दो सरकारी बैंकों में विनिवेश करना था। लेकिन ऐसा लगता है कि अब इनका विनिवेश अगले वित्त वर्ष में ही हो पाएगा। मौजूदा हालात में सरकार विनिवेश के प्रोसेस में सुस्ती दिखा सकती है। इसकी वजह है कि अभी पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। दूसरी वजह यह है कि स्टॉक मार्केट्स की स्थितियां भी अनुकूल नहीं हैं।
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