बजट 2022 : स्वास्थ्य बीमा पर टैक्स छूट बढ़ाने का सुझाव, लोगों को होगा फायदा
नई दिल्ली, जनवरी 17। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80डी के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और चुनिंदा मेडिकल खर्चों पर इनकम टैक्स छूट मिलती है। स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 60 वर्ष से कम आयु पर 25,000 रुपये तक और उससे अधिक आयु वालों के लिए 50,000 रुपये तक टैक्स छूट के लिए क्लेम किया जा सकता है। आप अपने जीवनसाथी, बच्चों और माता-पिता के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं। नियमों के अनुसार प्रेवेंटिव हेल्थ चेकअप के लिए 5000 रुपये तक के भुगतान पर भी टैक्स छूट की अनुमति है। मगर एक्सपर्ट ने स्वास्थ्य बीमा पर टैक्स छूट बढ़ाने का सुझाव दिया है।
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स्वास्थ्य बीमा पर टैक्स छूट
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 70 फीसदी से अधिक हेल्थकेयर चार्जेस का भुगतान व्यक्तिगत बचत से किया जाता है। यह बहुत ज्यादा है। माना जाता है कि व्यक्तिगत बचत का इस्तेमाल स्वास्थ्य खर्चों के लिए अंतिम उपाय होना चाहिए, वो भी तब जब बीमा का पूरी तरह से उपयोग किया गया हो। एक्सपर्ट के अनुसार धारा 80डी के लिए सरकार के दो उद्देश्य होने चाहिए। अधिक से अधिक लोगों को स्वास्थ्य बीमा खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें बीमा राशि की सही राशि खरीदने के लिए भी प्रेरित करना। इस टार्गेट के लिए धारा 80डी में आयकर छूट को बढ़ाया जाना चाहिए। इसे बढ़ा कर दोगुना किया जाना चाहिए।
पर्याप्त नहीं है मौजूदा लिमिट
एक्सपर्ट के अनुसार मौजूदा टैक्स छूट पर्याप्त स्वास्थ्य बीमा खरीदनो को लेकर प्रोत्साहित नहीं करती। जानकार शहरों में 10 लाख रु और लंबे समय के लिए पॉलिसी लेने पर 20 लाख रु का बीमा लेने की सलाह देते हैं। कोरोना के आने के बाद मेडिकल खर्च बढ़ा है और इसी के मद्देनजर स्वास्थ्य बीमा पर अधिक टैक्स छूट का सुझाव दे रहे हैं।
एक्सपर्ट का मानना है कि एक और टैक्स बदलाव, जो स्वास्थ्य बीमा को तुरंत बढ़ा देगा, वह है जीएसटी टैक्स स्लैब को 18 फीसदी से घटा कर 10 फीसदी या 5 फीसदी करना। इस कटौती से ओवरऑल बीमा प्रीमियम पर सीधा प्रभाव पड़ेगा और यह बीमा खरीदने को और अधिक किफायती बना देगा।