Budget 2022 : जानिए मोदी सरकार ने रेलवे के लिए क्या अब तक क्या किया
नई दिल्ली, जनवरी 29। अब बजट पेश होने में मात्र कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में ज्यादातर विभाग काफी ज्यादा उम्मीदें लगा रहे हैं। इनमें से एक विभाग रेलवे का भी है। रेलवे को इस बार उम्मीद है कि उसे कई बड़े प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए बजट में पैसों की व्यवस्था की जा सकती है। ध्यान रहे कि संसद में 1 फरवरी 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। अब संसद में पेश होने वाले बजट के साथ ही रेल बजट पेश किया जाता है। 2017 में रेल बजट को मुख्य बजट का हिस्सा बनाया गया था। आगामी बजट में रेलवे के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस का विस्तार और नए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स (डीएफसी) जैसे प्रोजेक्ट शामिल हो सकते हैं।
अंतिम बार 2016 में पेश हुआ था अलग रेल बजट
अंतिम बार 25 फरवरी, 2016 को रेल बजट पेश किया गया था। उस वक्त रेल मंत्री सुरेश प्रभु थे। उसके बाद 2017 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में ही रेलवे के लिए आवंटन का प्रस्ताव पेश किया था। इसके साथ ही अलग रेल बजट पेश करने की 92 साल पुरानी परंपरा खत्म हुई थी। दरअसल, 2015 में नीति आयोग की एक कमेटी ने अलग से रेलवे बजट पेश करने के प्रैक्टिस को बंद करने की सिफारिश की थी, जिसके आधार पर यह फैसला किया गया था।
उस वक्त हुआ था काफी बड़ा आवंटन
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017 में रेलवे के लिए 1.3 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था। यह इंडियन रेलवे के एतिहास में सबसे ज्यादा आवंटन था। तब वित्त मंत्री ने पैसेंजर सेफ्टी, कैपिटल और डेवलपमेंट वर्क्स, स्वच्छता के साथ फाइनेंस और अकाउंटिंग रिफॉर्मस को रेलवे की प्राथमिकता बताई थी। तब वित्त मंत्री ने रेलवे की सब्सिडियरी कंपनियों-आईआरसीटीसी, इरकॉन और आईआरएफसी की शेयर बाजार पर लिस्टिंग का भी प्रस्ताव पेश किया था। उन्होंने आईआरसीटीसी के जरिए टिकट बुकिंग पर सर्विस चार्ज बंद करने का भी ऐलान किया था।
लगातार बढ़ा रेलवे के लिए आवंटन
साल 2018 में रेलवे के लिए आवंटन बढ़ाकर 1.48 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। ट्रैक रिन्यूवल और उसके दोहरीकरण, 600 रेलवे स्टेशनों के डेवलपमेंट और गेज कनवर्जन को रेलवे ने अपनी प्राथमिकता बताई थी। वित्त मंत्री ने विश्व-स्तरीय ट्रेन चलाने का भी ऐलान किया था। इसके अलावा रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में वाईफाई और सीसीटीवी शुरू करने का भी ऐलान किया गया था।
साल 2019 के रेल बजट में आवंटन बढ़ाकर 1.6 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। साथ ही रेलवे बोर्ड का आकार घटाने का भी ऐलान किया गया। सरकार ने इसके सदस्यों की संख्या 8 से घटाकर 5 करने का फैसला लिया। रेलवे से जुड़ी बिबेक देबरॉय कमेटी ने 2015 में रेलवे बोर्ड की रीस्ट्रक्चरिंग की सिफारिश की थी।
साल 2020 में वित्तमंत्री ने बजट में तेजस जैसी ट्रेनें चलाने का ऐलान किया। इसके लिए प्राइवेट कंपनियों को आंमत्रित किया गया। उन्होंने यह भी कहा था कि अगले तीन से चार साल में रेलवे 150 प्राइवेट ट्रेने चलाएगा। पिछले साल यूनियन बजट में सीतारमण ने रेलवे के कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए 1.07 लाख करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया था। ईस्ट कोस्ट, ईस्ट-वेस्ट और नॉर्थ-साउथ जैसे रूट के लिए नए डीएफसी कॉरिडोर बनाने का भी ऐलान किया गया था।
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