Budget 2022 : बढ़ सकता है Disinvestment टार्गेट, मिलेगा निवेश का बड़ा मौका
नई दिल्ली, जनवरी 13। पिछले बजट में सरकार ने 1.75 लाख करोड़ रु का विनिवेश टार्गेट रखा था। मगर अनुमान लगाया जा रहा है कि केंद्र सरकार वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए विनिवेश लक्ष्य से चूक सकती है। यह लगातार तीसरा साल हो सकता है, जब केंद्र सरकार बजट में रखे गए विनिवेश लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएगी। मगर बावजूद इसके संभावना है कि आगामी बजट में सरकार विनिवेश टार्गेट बढ़ा सकती है।
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इसलिए बढ़ सकता है विनिवेश लक्ष्य
दरअसल अगले वित्त वर्ष में सरकार एलआईसी का आईपीओ ला सकती है, जिसकी चालू वित्त वर्ष में लाए जाने की उम्मीद थी। इसलिए एलआईसी का आईपीओ अगले वित्त वर्ष में ही आ सकता है, जो सरकार के अगले वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य में अहम भूमिका निभाएगा। ये निवेशकों के लिए भी निवेश का अच्छा और बड़ा मौका होगा।
चालू वित्त वर्ष में कितना हुआ विनिवेश
अब तक चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार ने विनिवेश और डिविडेंड की संयुक्त इनकम के जरिए लगभग 45,485.87 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इसका लक्ष्य 31 मार्च 2022 तक एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी को बेचकर 1 लाख करोड़ रु जुटाना है। हालांकि इसकी संभावना कम ही है कि एलआईकी का आईपीओ चालू वित्त वर्ष में आए। और फिर भले ही केंद्र सरकार एलआईसी का आईपीओ चालू वित्त वर्ष में ले भी आए तो भी यह चालू वित्त वर्ष के अंत तक 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएगी।
31 जनवरी तक ड्राफ्ट तैयार
सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार एलआईसी की लिस्टिंग के लिए सरकार अच्छे से काम कर रही है। सरकार 31 जनवरी तक मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास एलआईसी के आईपीओ के लिए ड्राफ्ट पेपर जमा करने की योजना बना रही है। एक अनुमान यह भी है कि अगर इसी वित्त वर्ष में एलआईसी का आईपीओ आता है तो फिर अगले साल का विनेविश लक्ष्य कम रह सकता है।
क्या होता है विनिवेश
सरकार द्वारा सरकारी कंपनियों या सार्वजनिक उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी बेचने की प्रोसेस को विनिवेश कहा जाता है। इससे सरकार पैसा जुटाती है। इसके लिए बजट में सालाना टार्गेट तय किया जाता है।