Budget 2022 : 'गोल्ड सेविंग्स अकाउंट' का ऐलान संभव, होगी बैठे-बैठे कमाई
नई दिल्ली, जनवरी 26। बजट पेश किए जाने में अब काफी कम दिन बचे हैं। इस बीच संभावना है कि सरकार आगामी बजट में सोने के बचत खातों (गोल्ड सेविंग्स अकाउंट) की घोषणा कर सकती है। सरकार ये फैसला फिजिकल फॉर्म में सोने की खरीद को हतोत्साहित करने के ऑप्शन के रूप में कर सकती है। इसके पीछे सरकार का मकसद चालू खाता घाटे में हो रही बढ़त पर रोक लगाना है। सरकार एक नेशनल गोल्ड पॉलिसी बनाने की कोशिश कर रही है, जो गोल्ड वैल्यू चेन के सभी हितधारकों को बढ़िया तरीके से जोड़ सके और देश में एक मजबूत गोल्ड ईकोसिस्टम बनाने में मदद कर सके। अगर गोल्ड सेविंग अकाउंट शुरू किया जाता है तो यह इस दिशा में एक अहम कदम होगा।
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बैंकों में खुलेंगे खाते
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार ग्राहक इस तरह के गोल्ड सेविंग्स अकाउंट बैंकों में खोल सकते हैं और नियमित रूप से पैसा जमा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे किसी भी समय सोने की मौजूदा कीमत पर जमा राशि निकाल सकते हैं। इससे निवेश के रूप में फिजिकल सोने की मांग कम होने की उम्मीद है। संभावना है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की तरह सोने के बचत खातों पर पर भी ब्याज मिलेगा। इससे निवेशकों की बैठे बैठे कमाई होगी।
कैसे जमा होगा गोल्ड
यह भी संकेत मिले हैं कि गोल्ड सेविंग अकाउंट में सोना जमा करने का विकल्प भी हो सकता है। गोल्ड सेविंग अकाउंट की पासबुक में एंट्री उस गोल्ड की रकम के हिसाब से की जाएगी, जिसके लिए डिपॉजिट किया गया है। विदड्रॉल के समय बैंक पासबुक में उस सोने की राशि के संदर्भ में डेबिट एंट्री करेंगे जो या तो सोने में या नकद में कम से कम 1 ग्राम सोने की कीमत के बराबर या 1 ग्राम सोने के गुणक के बराबर हो।
नियम किए जाएंगे तैयार
सरकार डिजिटल गोल्ड के लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क भी ला सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक इन सोने के बचत खातों को रेगुलेट कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो यह सोने के कारोबार के लिए अच्छी बात होगी। भारत दुनिया में सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जो अपनी 800-850 टन की अधिकांश वार्षिक आवश्यकता को आयात के माध्यम से पूरा करता है। भारत का सोने का आयात, जिसका देश के चालू खाते के घाटे पर असर पड़ता है, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान दोगुने से अधिक बढ़कर 38 अरब डॉलर हो गया। 30 सितंबर 2021 को समाप्त तिमाही में चालू खाता घाटा 9.6 अरब डॉलर था।