Budget 2021: यहां पढ़े बजट के अहम शब्दों का मतलब, समझना होगा काफी आसान
बजट 2021 नजदीक आ रहा है। सरकार हर साल अपना बजट बनाती है। 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट होगा।
नई दिल्ली: बजट 2021 नजदीक आ रहा है। सरकार हर साल अपना बजट बनाती है। 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट होगा। यह बजट बहुत महत्वपूर्ण हो गया है, इसी बड़ी वजह महामारी और उसके बाद आर्थिक संकट है। बजट में अगले वित्त वर्ष में सरकार द्वारा किए जाने वाले खर्च के साथ अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाली घोषणाएं और प्रावधान भी किए जाएंगे।
लेकिन, बजट से पहले इससे संबंधित कुछ शब्दावलियों को भी समझना ज़रूरी है ताकि बजट समझा जा सके। ऐसे में आप आसानी से समझ पाएंगे कि क्या चर्चा हो रही है, इसलिए कुछ महत्वपूर्ण शब्दों के बारे जानकारी लेना जरूरी है। केंद्र सरकार के खातों का विवरण बजट है। यह वित्तीय तथ्यों और आंकड़ों की एक अनुमानित प्रस्तुति है, जिसमें अनुमानित तौर पर साल में मिलने वाली रसीदें और खर्च करने की योजनाएं शामिल हैं। इसमें पिछले साल के दौरान किए गए असल प्रदर्शन का भी विवरण दिया जाता है।
बजट समझने के लिए जान लें ये
राजकोषीय नीति
राजकोषीय नीति बजट के संदर्भ में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। यह सरकार के खर्च और कराधान यानी टैक्सेशन का एक अनुमान है। इसका इस्तेमाल सरकार द्वारा रोजगार वृद्धि, महंगाई को संभालने और मौद्रिक भंडार के प्रबंधन जैसे विभिन्न साधनों को लागू करने और नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है।
चालू खाता घाटा
यह देश के व्यापार परिदृश्य को संदर्भित करता है। अगर निर्यात अधिक है और आयात के जरिए देश से बाहर जाने वाले पैसे से अधिक पैसा देश में आता है तो स्थिति अनुकूल है और इसे चालू खाता अधिशेष के रूप में जाना जाता है। लेकिन अगर आयात के जरिए देश से बाहर जाने वाला पैसा, निर्यात के एवज में आने वाले पैसे से ज्यादा है तो इसे चालू खाता घाटा कहते हैं।
उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी)
देश की सीमा के भीतर बनने वाले सभी उत्पादों पर लगने वाले टैक्स को एक्साइज ड्यूटी कहते हैं। एक्साइज ड्यूटी को भी जीएसटी में शामिल कर लिया गया है। जबकि सीमा शुल्क उन वस्तुओं पर लगता है, जो देश में आयात की जाती हैं या फिर देश के बाहर निर्यात की जाती हैं।
प्रत्यक्ष कर (डायरेक्ट टैक्स)/ अप्रत्यक्ष कर (इनडायरेक्ट टैक्स
किसी भी व्यक्ति और संस्थानों की आय और उसके स्रोत पर इनकम टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स और इनहेरिटेंस टैक्स, डायरेक्ट टैक्स के अंतर्गत आते हैं। वहीं अप्रत्यक्ष कर (इनडायरेक्ट टैक्स) वह होता है जो उत्पादित वस्तुओं और आयात-निर्यात वाले सामानों पर उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क और सेवा शुल्क के जरिए लगता है। इनडायरेक्ट टैक्सेज को जीएसटी में समाहित कर दिया गया है।
जीडीपी
बजट और अर्थव्यवस्था के लिहाज से जीडीपी सबसे महत्वपूर्ण शब्द है। देश द्वारा एक वित्त वर्ष में कितने वैल्यू की गुड्स और सर्विस पैदा की गई उसे जीडीपी कहते हैं। खर्च के लिहाज से- कंज्यूमर द्वारा, बिजनस द्वारा और सरकार द्वारा जितनी रकम खर्च की गई है उसे जोड़ने पर जीडीपी निकलता है। भारत के जीडीपी में सर्विस सेक्टर का योगदान सबसे ज्यादा है।
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