Budget 2021 : Mobile फोन हो जाएगा महंगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि कोविड-19 संकट के बाद से अबतक सरकार कई मिनी बजट ला चुकी है।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि कोविड-19 संकट के बाद से अबतक सरकार कई मिनी बजट ला चुकी है। कोरोना महामारी की वजह से इस बार का बजट पेपरलेस हो चुका है। वित्त मंत्री एक टैब के जरिए अपना तीसरा बजट पेश की हैं।
इस बजट में सरकार ने मोबाइल उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स पर कस्टम ड्यूटी 2.5 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया है। इसके कारण मोबाइल फोन और चार्जर महंगे हो सकते हैं। साथ ही टीवी समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के दाम भी बढ़ने की उम्मीद है। इसके साथ ही सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी कम की गई है। बताया कि स्टील पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 7.5% की गई है।
दरअसल, सरकार ने मोबाइल फोन्स और बैटरी चार्जर के उपकरणों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को वित्त वर्ष 2021-22 में 2.5 फीसदी बढ़ाने की घोषणा बजट में की है। इस बढ़ोतरी के कारण डिवाइसेस और इक्लेट्रॉनिक आइटम्स महंगे हो सकते हैं। हालांकि, इसे लेकर मोबाइल मैन्युफैक्चरर्स ने अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बेहतर वैल्यू एडिशन के लिए हम चार्जर और मोबाइल के कुछ पार्ट्स से एक्सेम्पशन्स हटा रहे हैं। इसके अतिरिक्त कुछ मोबाइल पार्ट्स को Nil रेट से हटाकर मॉडरेटेड, यानी 2.5 फीसदी में कर दिया गया है।
अभी इतना लगती है कस्टम ड्यूटी
बता दें कि फिलहाल बैटरी चार्जर पर 15 से 20 फीसदी की कस्टम ड्यूटी लगती है, जबकि हैंडसेट पर 22.5 फीसदी की कस्टम ड्यूटी है। वहीं डिस्प्ले पैनल, PCB, मैकेनिक्स और डाइ कट पार्ट पर भी 10 फीसदी की ड्यूटी है। कुल मिलाकर भारत में मोबाइल फोन (विभिन्न पार्ट्स को मिलाकर) पर लगभग 50 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगती है।
गौरतलब है कि भारत में मोबाइल फोन और मोबाइल एक्सेसरीज जीएसटी के अंदर आते हैं। फिलहाल मोबाइल फोन्स (चाहे फीचर फोन हों या स्मार्टफोन) 12 फीसदी की जीएसटी स्लैब में आते हैं। वहीं इलेक्ट्रॉनिक मोबाइल एक्सेसरीज पर 18 फीसदी पर जीएसटी दर है।
वित्त मंत्री ने कहा कि, ये पहला मौका है जब भारत का आम बजट इस दशक का पहला बजट डिजिटल बजट होगा। यह सब आपके सहयोग के कारण संभव हुआ है इस बजट ने अर्थव्यवस्था को सतत विकास के लिए आवश्यक गति को पकड़ने का हर अवसर प्रदान किया है। बता दें कि कोरोना वायरस कारणों से इस बार बजट प्रिंट नहीं हुआ है। सरकार ने डिजिटल बजट पेश किया है।
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