Budget 2021 : रेल मंत्रालय ने की 75000 करोड़ रु की मांग
नयी दिल्ली। रेल मंत्रालय ने आगामी बजट में वित्त मंत्रालय से लगभग 75,000 करोड़ रुपये के ग्रॉस बजटरी सपोर्ट (जीबीएस) की मांग की है। रेल मंत्रालय द्वारा मांगा गया जीबीएस पिछले साल के बजट में मिले जीबीएस की तुलना में 7 फीसदी अधिक है। पिछले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेलवे के लिए 70,250 करोड़ रुपये का जीबीएस आवंटित किया था। वहीं इससे पहले रेलवे के लिए 2019-20 में 69,967 करोड़ रु और 2018-19 में 55,088 करोड़ रु के जीबीएस का ऐलान किया गया था।
कुल कितने बजट की है मांग
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार रेल मंत्रालय ने 2021-22 के लिए वित्त मंत्रालय से 1.80 लाख करोड़ रु के कुल बजट की मांग की है, जिसमें 75000 करोड़ रु का जीबीएस शामिल है। रेलवे ने जो टोटल कैपिटल एक्सपेंडिचर पेश किया है वो पिछले वर्ष के बजट अनुमान से 12.5 प्रतिशत अधिक है। रेल मंत्रालय को उम्मीद है कि सरकार कम से कम 1.70 लाख करोड़ रु के बजट को मंजूरी देगी, जो पिछले बजट के मुकाबले 6 फीसदी अधिक होगा।
किस चीज पर होगा फोकस
बता दें कि रेलवे बजट में जिन चीजों पर फोकस होगा उनमें प्राइवेट ट्रेन, नई ट्रेनों के जरिये नए रूट पर ही तेज गति से सफर, पर्यटक स्थलों तक बेहतर कनेक्टिविटी और सोलर पैनल आधारित ग्रीन एनर्जी शामिल है। इसके अलावा किसान रेल सर्विस का विस्तार और उत्तर पूर्व राज्यों में रेल कनेक्टिविटी पर भी फोकस किया जा सकता है। चालू वित्त वर्ष के लिए मंत्रालय ने नई लाइन और डबलिंग प्रोजेक्ट्स के लिए 35,965 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया था। अधिकारियों के अनुसार लॉकडाउन से रेलवे को तेजी से काम करने का मौका मिला, क्योंकि इस समय रेलगाड़ियां नहीं चल रही थीं।
टैक्स में राहत
टैक्स छूट की बात करें धारा 80 सी के तहत अधिक छूट बढ़ाई जा सकती है। जानकार मानते हैं कि इससे ज्यादा लोग बचत और लंबी अवधि के निवेश के लिए प्रोत्साहित होंगे। 80सी के तहत टैक्स छूट को 2 लाख रु तक बढ़ाया जा सकता है। वहीं पहली बार घर खरीदने वालों को अतिरिक्त टैक्स बेनेफिट देने से सैलेरी वाले लोग घर खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे। अतिरिक्त टैक्स सेविंग्स बेनेफिट एक अच्छा कदम होगा। इससे रियल एस्टेट सेक्टर में भी मांग बढ़ेगी।
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