Budget 2021 : श्रमिकों के लिए मिनिमम वेज कोड लागू करने की घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि कोविड-19 संकट के बाद से अबतक सरकार कई मिनी बजट ला चुकी है।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि कोविड-19 संकट के बाद से अबतक सरकार कई मिनी बजट ला चुकी है। कोरोना महामारी की वजह से इस बार का बजट पेपरलेस हो चुका है। इस बजट में उन्होंने हर वर्ग और क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए कई ऐलान किए। वित्त मंत्री ने श्रमिकों को भी कई सौगात दिया। उन्होंने बजट पेश करने के दौरान ऐलान किया कि श्रमिकों के लिए मिनिमम वेज कोड लागू किया जाएगा। इससे प्रवासी और असंगठिक श्रमिकों को फायदा मिलेगा।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह श्रमिकों के हेल्थ, हाउसिंग, स्किल्स आदि के लिए होगा। एक अनुमान के मुताबिक, इससे देश के 50 करोड़ कामगारों को समय पर और निश्चित मजदूरी मिलेगी। इस बिल को 2019 में ही पास कर दिया गया था। इस पोर्टल पर एकत्र किए गए आंकड़ों की मदद से श्रमिकों को बीमा और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। इसके अलावा महिलाएं भी रात की शिफ्ट में काम कर पाएंगी लेकिन नियोक्ता के लिए अनुपालन कम कर दिए जाएंगे।
वहीं वित्त मंत्री सीतारमण ने और कई योजनाओं का ऐलान किया। उन्होंने घोषणा किया कि बचे हुए राज्यों में वन नेशन, वन राशन कार्ड भी लागू होगा। इसके साथ ही उन्होंने एमएसएमई सेक्टर के लिए 15700 करोड़ का ऐलान किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट-2021-22 के भाषण में कहा कि सरकार जल्द ही राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी को पूरे देश में लागू करेगी। आपको बता दें कि इस बजट में सरकार ने गांवों से बाहर जाकर काम करने वाले मजदूरों के लिए ये सुविधा प्रदान करते हुए इसे लागू करने का निर्णय लिया है। अगर राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी लागू हो जाती है तो फिर प्रवासी मजदूरों के लिए ये बहुत ही सुविधाजनक हो जाएगा और कोरोना जैसी महामारी में भी वो अपने गांव को पलायन के लिए मजबूर नहीं होंगे, इसके साथ ही ये उन लोगों को लिए भी लाभदायक होगा जो अपने गांवों से बाहर रोजगार की तलाश में शहरों की ओर पलायन कर गए हैं।
निर्मला सीतारमण ने मजदूर वर्ग को लेकर अपने बजट भाषण में कहा कि मोदी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू कर दी थी, जिससे 80 करोड़ लोगों को फायदा मिला। आत्मनिर्भर पैकेज दिए, जिसके जरिए करीब 27.1 लाख करोड़ रुपये दिए गए। इसके अलावा वित्तमंत्री ने अपने भाषण में उज्ज्वला योजना के तहत एक करोड़ और लाभार्थियों को जोड़े जाने का ऐला किया। उन्होंने कहा कि अभी तक 8 करोड़ लोगों को इस स्कीम का लाभ उपलब्ध कराया गया है। जिसे बढ़ाया जाएगा।
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