Budget 2021 : PF पर सरकार का बड़ा फैसला, इन लोगों को होगा नुकसान
नयी दिल्ली। आज संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया। आज इतिहास में पहली बार पेपरलेस बजट पेश किया गया। बजट से मिडिल क्लास को काफी उम्मीद थी। मगर सरकार का ध्यान बजट में दूसरी चीजों पर रहा। आज के बजट में अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान दिया गया। केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य खर्च में 137 फीसदी की भारी भरकम बढ़ोतरी की। वहीं छोटी कंपनियों की परिभाषा बदलने का भी ऐलान किया, जिसका आधार कैपिटल होगा। वहीं बजट में उन लोगों को झटका दिया गया, जो प्रोविडेंट फंड (पीएफ) के जरिये टैक्स बचाते हैं। आइए जानते हैं पूरी डिटेल।
इन लोगों को होगा नुकसान
बजट में पीएफ को किए गए ऐलान के अनुसार यदि किसी वित्त वर्ष में आपका आपकी पीएफ से ब्याज इनकम 2.5 लाख रु से अधिक तो उस पर टैक्स सामान्य दर के हिसाब से लगेगा। आसान शब्दों में पीएफ पर मिलने वाले ज्यादा ब्याज (2.5 लाख रु से अधिक) पर टैक्स लगेगा। सरकार का यह प्रस्ताव उच्च इनकम वालों के लिए झटका है। मगर इससे सरकार को कई करोड़ रु बतौर टैक्स मिलेंगे।
समझिए पूरा नियम
यदि आपको किसी वित्त वर्ष में पीएफ राशि पर 2.5 लाख रु से अधिक ब्याज मिलता है तो उस अतिरिक्त पैसे को टैक्सेबल इनकम में शामिल किया जाएगा और उस पर नॉर्मल रेट के हिसाब से टैक्स लगाया जाएगा। बजट के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इस नये नियम से कुल पीएफ ग्राहकों में से 1 फीसदी से भी प्रभावित होंगे।
पहले भी आया है ऐसा प्रस्ताव
यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने पीएफ के पैसे पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया है। 2016 के बजट में भी प्रस्ताव दिया था कि ईपीएफ के 60 फीसदी पर अर्जित ब्याज पर टैक्स लगाया जाएगा। मगर बड़े पैमाने पर विरोध के बाद इस प्रस्ताव को वापस ले लिया गया था।
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