For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

Budget 2021 : लगेगा तगड़ा झटका, इस वजह से घटेगी सैलेरी और रिटायरमेंट सेविंग

|

नयी दिल्ली। सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट 2021 पेश कर दिया। बजट में छोटी कंपनियों, एमएसएमई, रक्षा, रेलवे, इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ सहित कई सेक्टरों के लिए अहम ऐलान किए गए। मगर बजट में सैलेरी पाने वाले लोगों को दोहरा झटका दिया गया है। पेश किए गए नए वेतन कोड (Wage Code) से सैलेरी क्लास के लोगों की इन-हैंड सैलेरी कम होगी। साथ ही उनकी रिटायरमेंट सेविंग्स भी कम हो जाएगी। आइए जानते हैं कैसे।

पीएफ ब्याज पर टैक्स

पीएफ ब्याज पर टैक्स

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को प्रोविडेंट फंड (पीएफ) में निवेश पर टैक्स फ्री रिटर्न को 2.50 लाख रुपये तक सीमित कर दिया। बता दें कि ज्यादातर मध्यवर्गीय वेतन पाने वालों के लिए रिटायरमेंट के बाद की बचत के लिए पीएफ सबसे लोकप्रिय ऑप्शन में से एक है। अभी तक टैक्स फ्री रिटर्न प्राप्त करने के लिए पीएफ में निवेश करने वाली राशि की कोई लिमिट नहीं थी। यदि आपको किसी वित्त वर्ष में पीएफ राशि पर 2.5 लाख रु से अधिक ब्याज मिलता है तो उस अतिरिक्त पैसे को टैक्सेबल इनकम में शामिल किया जाएगा और उस पर नॉर्मल रेट के हिसाब से टैक्स लगाया जाएगा। बजट के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इस नये नियम से कुल पीएफ ग्राहकों में से 1 फीसदी से भी प्रभावित होंगे।

इस तरह घटेगी इन-हैंड सैलेरी

इस तरह घटेगी इन-हैंड सैलेरी

पिछले साल के बजट में पीएफ योजनाओं में एम्प्लोयर की योगदान सीमा किसी वर्ष में अधिकतम 7.5 लाख रुपये तय कर दी गयी थी। इसके साथ ही संसद द्वारा पारित किए गए मजदूरी संहिता विधेयक, 2019 के तहत पीएफ में कर्मचारी योगदान को बढ़ाने का प्रस्ताव है। इससे आपके टेक-होम सैलेरी (इन-हैंड सैलेरी) में कमी आएगी।

बढ़ाई जाएगी बेसिक सैलेरी

बढ़ाई जाएगी बेसिक सैलेरी

नए नियम का पालन करने के लिए कंपनियों को बेसिक सैलेरी का अनुपात बढ़ाना होगा, जिससे श्रमिक और एम्प्लोयर दोनों के हिस्से के पीएफ योगदान में वृद्धि होगी। इसे एक उदाहरण से समझिए। मान लें कि सुमित की बेसिक सैलेरी 1,00,000 रुपये थी और वे पीएफ में 40,000 रुपये का योगदान करते थे। अब वेतन कोड लागू होने के बाद उनका पीएफ योगदान 50,000 रुपये हो जाएगा। इसलिए उनका टेक-होम वेतन 10,000 रुपये से कम हो जाएगा।

कब पास हुआ था मजदूरी संहिता विधेयक, 2019

कब पास हुआ था मजदूरी संहिता विधेयक, 2019

मजदूरी संहिता विधेयक, 2019 पिछले साल अगस्त में पारित किया गया था और इसके 1 अप्रैल 2021 से लागू होने की संभावना है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि सरकार ने पीएफ के पैसे पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा है। 2016 के बजट में ऐसा ही प्रस्ताव दिया गया था। तब ईपीएफ के 60 फीसदी पर अर्जित ब्याज पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव था। मगर विरोध के बाद इस प्रस्ताव को वापस ले लिया गया था।

बजट में विनिवेश टार्गेट

बजट में विनिवेश टार्गेट

बजट में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 1.75 लाख करोड़ रु का विनिवेश लक्ष्य रखा गया है। इसे पूरा करने के लिए एलआईसी का आईपीओ लाया जाएगा। साथ ही एयर इंडिया और बीपीसीएल जैसी कंपनियों की हिस्सेदारी बेची जाएगी।

Budget 2021 Highlight : जानिए किसे क्या मिला, ये हैं सभी बड़े ऐलानBudget 2021 Highlight : जानिए किसे क्या मिला, ये हैं सभी बड़े ऐलान

English summary

Budget 2021 double blow to salaried people salary and retirement savings will come down

Finance Minister Nirmala Sitharaman on Monday limited the tax free return on investment in Provident Fund (PF) to Rs 2.50 lakh.
Story first published: Tuesday, February 2, 2021, 13:12 [IST]
Company Search
Thousands of Goodreturn readers receive our evening newsletter.
Have you subscribed?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X