बजट 2020 : डिविडेंड पर हटाया जा सकता है टैक्स
1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना दूसरा केंद्रीय बजट पेश करेगी। बजट की तैयारी अब जोरों पर है। करोड़ों लोगों की निगाहें पेश होने वाले बजट पर है।
नई दिल्ली: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना दूसरा केंद्रीय बजट पेश करेगी। बजट की तैयारी अब जोरों पर है। करोड़ों लोगों की निगाहें पेश होने वाले बजट पर है। सरकार इस बजट में डिविडेंड को इनकम में जोड़ने की घोषणा कर सकती है। इसका मतलब होगा कि डिविडेंड को कुल इनकम का हिस्सा माना जा सकता है। इसके एवज में सरकार कंपनियों को राहत देते हुए डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (डीडीटी) को पूरी तरह से समाप्त कर सकती है।
दिया जा सकता 20 फीसदी का स्टैंडर्ड डिडक्शन
मिली जानकारी के मुताबिक इस बार के बजट में शेयर मार्केट से जुड़े कई अहम फैसलों की घोषणा हो सकती है। इनमें डीडीटी को हटाना शामिल हो सकता है। अभी डिविडेंड पर टैक्स चुकाने की जिम्मेदारी कंपनी पर होती है। डिविडेंड पर 20.55 फीसदी डीडीटी लगता है, इसमें सरचार्ज और एजुकेशन सेस शामिल होता है। बता दें कि एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि सरकार शेयरधारकों को मिलने वाले डिविडेंड को उनकी आमदनी से जोड़ सकती है। हालांकि इसमें 20 फीसदी का स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया जा सकता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी को एक लाख रुपये का डिविडेंड मिला है तो उसे 20 फीसदी स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। बाकी के 80,000 रुपये उसकी आदमनी में जोड़े जाएंगे जिस पर इनकम टैक्स देना हेगा।
शेयरधारकों को पहले की तुलना में अधिक डिविडेंड
वहीं टैक्स एक्सपर्ट सुशील अग्रवाल का कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो यह एक अच्छी स्थिति होगी। इससे सरकार को फायदा होगा और शेयरधारकों को अधिक डिविडेंड मिलेगा। डीडीटी लगने के कारण कंपनियों को पहले ही कुल राशि का 20 फीसदी टैक्स के तौर पर रखना पड़ता था। अगर डीडीटी हट गया तो वे पूरी राशि को डिविडेंड के तौर पर दे सकेंगी। इससे शेयरधारकों को पहले की तुलना में अधिक डिविडेंड मिलेगा। यह उनकी आदमनी में जुड़ जाएगा, लेकिन इसका असर निचले टैक्स स्लैब में आने वालों पर ज्यादा नहीं होगा। इनकम टैक्स के 30 फीसदी स्लैब में आने वालों को इससे कुछ नुकसान होगा।
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