बजट 2020 : बीमा कंपनियों में पूंजी डालने का ऐलान कर सकती सरकार
मोदी सरकार 1 फरवरी को अपना आम बजट पेश करने जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में आम बजट पेश करेंगी। इस बजट से लोगों को काफी उम्मीदें है।
नई दिल्ली: मोदी सरकार 1 फरवरी को अपना आम बजट पेश करने जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में आम बजट पेश करेंगी। इस बजट से लोगों को काफी उम्मीदें है। जानकारी दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी आम बजट में सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों के लिए दूसरे दौर की पूंजी डालने की घोषणा कर सकती हैं। ऐसी कंपनियों की वित्तीय सेहत सुधारने के लिए सरकार यह कदम उठा सकती है।
कंपनियों में 2,500 करोड़ रुपये डालने की घोषणा
बता दें कि सरकार ने पिछले महीने 2019-20 के लिए पहले अनुदान के लिए अनुपूरक मांग में तीन बीमा कंपनियों नेशनल इंश्योरेंस, ओरियंटल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस में 2,500 करोड़ रुपये डालने की घोषणा की थी। जानकारी के मुताबिक इन कंपनियों को तय 'सॉल्वेंसी मार्जिन' के लिए 10,000 से 12,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त जरूरत पड़ेगी। ऐसे में इस बारे में घोषणा वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में की जा सकती है।
पूंजी डालने के बाद न केवल इन कंपनियों की वित्तीय सेहत सुधरेगी, बल्कि उनके विलय का रास्ता भी खुल सकेगा। तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 में घोषणा की थी कि तीनों कंपनियों का एक इकाई के रूप में विलय किया जाएगा। हालांकि इन कंपनियों का विलय कई कारणों मसलन उनकी खराब वित्तीय सेहत की वजह से नहीं किया जा सका था। सूत्रों ने बताया कि विलय के बाद अस्तित्व में आने वाली संयुक्त इकाई को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध किया जाएगा।
देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी होगी
वहीं शुरुआती अनुमानों के अनुसार विलय के बाद बनने वाली संयुक्त इकाई देश की सबसे बड़ी साधारण बीमा कंपनी होगी, जिसका मूल्य 1.2 से 1.5 लाख करोड़ रुपये होगा। 31 मार्च, 2017 तक तीनों कंपनियों के कुल बीमा उत्पाद 200 से अधिक थे। इनका कुल प्रीमियम 41,461 करोड़ रुपये और बाजार हिस्सेदारी 35 फीसदी थी। तीनों कंपनियों की कुल नेटवर्थ 9243 करोड़ रुपए है पूरे देश में 6000 कार्यालयों में 44 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं।
वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में उस समय के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तीनों बीमा कंपनी को मिलाकर एक बीमा कंपनी बनाने की घोषणा की थी। हालांकि, वित्तीय कमजोरी और कई दूसरे कारण से इन कंपनियों का विलय नहीं किया जा सका। लेकिन, अब सरकार इन कंपनियों को जल्द से जल्द विलय प्रक्रिया पूरी करना चाहती है। एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि इन कंपनियां को मिलाकर बनी सबसे बड़ी कंपनी को शेयर बाजार में सूचीबद्ध भी कराया जाएगा।
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