लखनऊ नगर निगम बॉन्ड की BSE में लिस्टिंग, मिलेगा 8.5 फीसदी ब्याज
नई दिल्ली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में आज यानी बुधवार 2 दिसंबर 2020 को लखनऊ नगर निगम का बॉन्ड लिस्ट हुआ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीएसई में बेल बजाकर इसे सूचीबद्ध किया। लखनऊ नगर निगम उत्तर भारत का पहला नगर निगम बन गया है, जिसने बॉन्ड जारी कर पैसा जुटाया है। लखनऊ नगर निगम इस बांड के जरिए 200 करोड़ रुपये जुटा रहा है। आज जैसे ही सीएम योगी ने इसकी लिस्टिंग के लिए बैल बजाई इस 200 करोड़ रुपये के बांड के लिए करीब 450 करोड़ रुपये की बोलियां मिल गईं। यानी यह करीब 4.5 गुना ज्यादा अभिदान पाने में सफल रहा। यह 10 साल का बांड और इस पर 8.5 फीसदी सालाना ब्याज दिया जाएगा। बीएइर्स में इससे पहले भी कई नगर निगम अपने बांड लिस्ट करा चुके हैं। यह नगर निगम देश के विभिन्न हिस्सों के हैं। इन नगर निगमों ने 3,690 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जिसमें से केवल बीएसई बांड प्लेटफार्म का योगदान 3,175 करोड़ रुपये का है।
बांड को मिला पूर्ण अभिदान
बीएसई ने बतया है कि लखनऊ नगर निगम ने बीएसई बॉन्ड प्लेटफॉर्म पर 450 करोड़ रुपये के लिये 21 बोलियां प्राप्त की हैं, जो कि इश्यू के आकार का 4.5 गुना था। बीएसई ने कहा है कि यह उसके मंच पर नगरपालिका बांड जारी करने का लगातार आठवां सफल मामला है। इससे पता चलता है कि वह नगर निगमों के बीच धन जुटाने का पसंदीदा माध्यम है। बीएसई ने कहा कि अभी तक देश में कुल 11 नगर पालिकाओं ने बॉन्ड जारी किए गए हैं। यह कुल मिलाकर 3,690 करोड़ रुपये के हैं। इनमें से बीएसई बांड प्लेटफार्म का योगदान 3,175 करोड़ रुपये है। इस तरह नगरपालिका बांड बाजार में बीएसई की हिस्सेदारी 86 प्रतिशत पर है।
जानिए क्या कहा नगर आयुक्त ने
लखनऊ के निगम आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि हम लखनऊ नगर निगम के पहले बांड इश्यू की सफलता से खुश हैं। नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी के मुताबिक लखनऊ नगर निगम का यह बॉन्ड बाजार उन्मुख और पूरी तरह से पारदर्शी है। इसके जरिए अब स्थानीय प्रशासन को काम की गति बढ़ाने में मदद मिलेगी। उनका कहना है कि राज्य सरकार अब राज्य के अन्य स्थानीय निकायों को भी प्रोत्साहित करने की तैयारी कर रही है। उनका कहना है कि ऐसा अनुमान है कि आने वाले महीनों में गाजियाबाद, वाराणसी, आगरा और कानपुर के नगर निगम भी बॉन्ड जारी कर सकते हैं।
सीएम योगी ने इस चुनौती को स्वीकार किया
गौरतलब है कि लखनऊ में 2018 के दौरान इन्वेस्टर्स सम्मिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका ऐलान किया था और उसके बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर भारत में अमृत' योजना के तहत पहले नगर निगम के बॉन्ड के रूप में लॉन्च करने के लिए एक चुनौती के रूप में इसे स्वीकार किया था।