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भारत का शानदार प्लान, जहाजों में सस्ता तेल रख कर बचाएगा 25000 करोड़ रु

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नयी दिल्ली। कोरोनावायरस के कारण इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है। इससे उन देशों के लिए पैसे बचाने का एक मौका बना है जो बड़ी मात्रा में क्रूड ऑयल आयात करके अपनी जरूरत पूरी करते हैं। भारत ऐेसे ही देशों में से एक है। खास बात ये है कि भारत ने कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा उठाने के लिए एक प्लान भी बना लिया है। भारत फ्यूचर में उपयोग के लिए जहाजों में सस्ते तेल का भंडारण करके अपने कच्चे तेल के आयात बिल में 25,000 करोड़ रुपये बचाने की कोशिश कर रहा है। इससे सरकार को कोरोनावायरस से लड़ने के लिए जन कल्याणकारी योजनाओं पर ज्यादा पैसा खर्च करने की सहूलियत मिलेगी। ये एक बेहद शानदार प्लान है, जिससे भारत के पास तेल भंडार भी बढ़ेगा और सरकार को आर्थिक फायदा भी होगा।

70 लाख टन तेल कम कीमत पर खरीदा

70 लाख टन तेल कम कीमत पर खरीदा

तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक तेल कंपनियों ने लगभग 70 लाख टन तेल कम कीमत पर खरीदा है। उन्होंने बताया कि मांग का लगभग 20 फीसदी तेल इकट्ठा कर लिया गया है। इससे आयात बिल भी कम हुआ है, जिससे सरकार को लोक कल्याणकारी योजनाओं के लिए अधिक संसाधन इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी। वर्तमान में उपयोग में आने वाले फ्लोटिंग स्टोरेज सहित भारत की कुल भंडारण क्षमता 38 मिलियन टन या लगभग 280 मिलियन बैरल है। यह सामान्य सालाना मांग के 18% -20% के बराबर है। बता दें कि भारत की तेल की दैनिक खपत कोरोनोवायरस महामारी के कारण आर्थिक गतिविधियां रुकने से एक दिन पहले लगभग 4.5 मिलियन बैरल थी।

भारत का प्लान रहा कामयाब

भारत का प्लान रहा कामयाब

फरवरी में तेल की कीमतों में गिरावट आनी शुरू हुई, जिसके बाद 2020-21 के लिए 690 करोड़ के बजटीय समर्थन के अलावा मार्च में पेट्रोलियम मंत्रालय ने 3,184 करोड़ रुपये की मांग की ताकि 5 मिलियन टन रणनीतिक स्टोरेज क्षमता में बची 2 मिलियन टन क्षमता के लिए क्रूड ऑयल खरीदा जाए। भारत ने जी-20 तेल उत्पादकों को आश्वासन दिया कि गिरती खपत और कीमतों में बैलेंस बनाने के लिए भारत मांग बढ़ाएगा। जी-20 तेल उत्पादक मार्केट बैलेंस की तलाश में थे, इसलिए भारत का प्लान कामयाब रहा। अब भारत इसी प्लान के तहत तेल खरीद कर जहाजों में रख कर 25000 करोड़ रुपये की बचत करने जा रहा है।

मांग घटने से आई दिक्कत

मांग घटने से आई दिक्कत

हालांकि लॉकडाउन के बाद भारत में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की मांग में 70 फीसदी की गिरावट आई, जिससे रिफाइनरी कंपनियों को संचालन में कमी लानी पड़ी। कंपनियों को स्टोरेज फुल होने के कारण तेल रखने के लिए जहाजों की तरफ देखना पड़ा। रिफाइनर्स इस समय फ्लोटिंग स्टोरेज के रूप में भंडारण के लिए जहाजों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। प्रधान ने स्थिति को स्पष्ट करने के लिए सऊदी अरब और यूएई के समकक्षों से बात की और अतिरिक्त तेल खरीदने पर चर्चा की, जिसके बाद सात मिलियन टन से अधिक कच्चे तेल खरीदने का कॉन्ट्रैक्ट हुआ।

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English summary

brilliant plan of India will save Rs 25000 crore by keeping cheap oil in ships

Coronavirus has led to a steep fall in the prices of crude oil in the international market. This has created an opportunity to save money for countries that meet their needs by importing large quantities of crude oil.
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