बड़ा झटका : 8 सालों के उच्च स्तर पर पहुंची थोक महंगाई, मार्च में हुई 7.39 फीसदी
नई दिल्ली, अप्रैल 15। आम आदमी के लिए महंगाई के मोर्चे पर एक और बुरी खबर आई है। मार्च में थोक महंगाई बढ़ कर 8 सालों के उच्च स्तर पर पहुंच गयी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक मार्च में थोक महंगाई 7.39 फीसदी रही। पिछले महीने खुदरा महंगाई भी बढ़ी थी। बता दें कि फरवरी में थोक महंगाई 4.17 फीसदी रही थी, जबकि पिछले साल मार्च में यह सिर्फ 0.42 फीसदी थी। जनवरी के लिए थोक महंगाई का आंकड़ा बदला गया है। पहले जनवरी में 2.03 फीसदी थोक महंगाई का आंकड़ा जारी किया गया था, मगर अब इसे बदल कर 2.51 फीसदी किया गया है।
क्या-क्या हुआ महंगा
मार्च 2020 के मुकाबले मार्च 2021 में कच्चे तेल, पेट्रोलियम उत्पादों और बेसिक मेटल की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है। दूसरे लॉकडाउन के कारण 2020 के मार्च महीने के लिए डब्लूपीआई सूचकांक के पूरे आंकड़े नहीं मिले थे, जिसके चलते तब थोक महंगाई कम रही। मार्च में थोक महंगाई जितनी रही है, इसका ऐसा आंकड़ा अक्टूबर 2012 में रहा था। तब थोक महंगाई दर 7.4 फीसदी रही थी।
खाद्य उत्पादों पर थोक महंगाई बढ़ी
मार्च में खाद्य उत्पादों पर थोक महंगाई बढ़ी। ये फरवरी में 1.36 फीसदी के मुकाबले मार्च में 3.24 फीसदी रही। मार्च में सब्जियों की कीमतों में (-) 5.19 प्रतिशत की गिरावट आई, जो फरवरी में (-) 2.90 प्रतिशत रही थी। पिछले महीने दलहन की कीमतों में 13.14 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि फलों की कीमतें 16.33 प्रतिशत बढ़ीं। मार्च में ईंधन और बिजली सेगमेंट की कीमतों में 10.25 प्रतिशत की तेजी आई। इसके अलावा एलपीजी की कीमतों में 10.30 प्रतिशत और पेट्रोल में 18.48 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
कितनी बढ़ी खुदरा महंगाई
खुदरा मुद्रास्फीति मार्च के महीने में बढ़ कर 5.53 फीसदी हो गई, जो फरवरी में 5.03 फीसदी थी। खाद्य महंगाई में उछाल से खुदरा महंगाई बढ़ी है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार फरवरी में 3.87 फीसदी के मुकाबले खाद्य महंगाई मार्च में 4.94 फीसदी हो गयी।
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