PMC Bank खाताधारकों के लिए बड़ी राहत, RBI ने सेंट्रम को दी टेकओवर की मंजूरी
नई दिल्ली, जून 19। पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के खाताधारकों के लिए एक बहुत अच्छी खबर आई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सेंट्रम फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड को एक स्मॉल फाइनेंस बैंक (एसएफबी) स्थापित करने के लिए "सैद्धांतिक" मंजूरी दे दी है। इस बैंक के जरिए सेंट्रम घोटाले से ग्रस्त पीएमसी बैंक का डिजिटल भुगतान फर्म भारतपे के साथ जॉइंट वेंचर में टेकओवर करेगा/खरीदेगा। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि सेंट्रम फाइनेंशियल सर्विसेज द्वारा पीएमसी बैंक के लिए रुचि दिखाने के बाद सैद्धांतिक मंजूरी दी गई।
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लाइसेंस के लिए होगा विचार
बता दें कि आरबीआई बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 22 (1) के तहत सेंट्रम को बैंकिंग व्यवसाय शुरू करने के लिए लाइसेंस देने पर विचार करेगा। मगर आरबीआई पहले इस बात से संतुष्ट होगा कि आवेदक सैद्धांतिक नियमों के तहत आरबीआई द्वारा निर्धारित आवश्यक शर्तों का अनुपालन करे। भारत की प्रमुख फिनटेक कंपनियों में से एक रेजिलिएंट इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड (भारतपे) सेंट्रम के साथ एसएफबी में समान भागीदार होगी।
तेजी से करेगा ग्रोथ
सेंट्रम की तरफ से एक बयान में कहा गया है कि एक एनबीएफसी (सेंट्रम) और एक फिनटेक (भारतपे), एक्टिव और मजबूत ग्राहक आधार, डिजिटल रीच और बेहतर टेक्नोलॉजी क्षमता के साथ शुरुआत करते हुए एसएफबी को तेजी से विस्तार करने में सक्षम होना चाहिए। वहीं सेंट्रम ग्रुप के एक्जेक्यूटिव चेयरमैन ने कहा है कि हमें खुशी है कि लगभग 6 वर्षों के गैप के बाद एक एनबीएफसी को एक नया बैंकिंग लाइसेंस जारी किया जाएगा और इस अवसर के लिए आरबीआई को धन्यवाद देना चाहते हैं।
पीएमसी बैंक की फाइनेंशियल हालत
मार्च 2020 तक पीएमसी बैंक के पास 10,727 करोड़ रुपये के डिपॉजिट और 4,473 करोड़ रुपये के लोन थे। बैंक की शेयर कैपिटल 292.94 करोड़ रुपये है। हालांकि, बैंक ने 2019-20 के दौरान 6,835 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा उठाया और इसका नेटवर्थ 5,850.61 करोड़ रुपये है। आरबीआई ने हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) को दिए गए लोन में गड़बड़ी का पता चलने के बाद पीएमसी बैंक पर नियामक प्रतिबंध लगा दिए थे, जिसका असर बैंक के ग्राहकों पर भी पड़ा।
सितंबर 2019 में हुआ था खुलासा
पीएमसी बैंक का एचडीआईएल में 6,200 करोड़ रुपये से अधिक का एक्सपोजर (लोन) था। आरबीआई ने सितंबर 2019 में बैंक के बोर्ड को हटा कर एक एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त कर दिया था। पिछले साल नवंबर में बैंक ने इक्विटी निवेशक या निवेशक समूह से टेकओवर के लिए आवेदन मांगे थे ताकि बैंक को फिर से सही हालत में लाया जा सके और दिन-प्रतिदिन के कार्यों के लिए मैनेजमेंट कंट्रोल ले सके।
ग्राहकों को उठानी पड़ी दिक्कत
जब आरबीआई ने पीएमसी बैंक के बोर्ड को बर्खास्त किया था, तो उसने शुरू में प्रति अकाउंट 1,000 रुपये निकालने की अनुमति दी थी। बाद में इसे बढ़ा कर 50,000 रुपये कर दिया गया। तब से लगभग 78 प्रतिशत जमाकर्ताओं को 50,000 रुपये की निकासी सीमा के भीतर अपनी जमा राशि निकालने की अनुमति दी गई है। पिछले साल जून में इस सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया था। मगर फिर भी कई जमाकर्ता जिनकी बैंक में अधिक राशि है, उन्हें अभी भी अपना पैसा वापस नहीं मिल पा रहा है।