बड़ी खबर : दिल्ली-एनसीआर में बैन होंगे ये वाहन, आपके पास है तो नहीं
नई दिल्ली, अगस्त 11। अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं और आपके पास कार है तो यह खबर आपके लिए है। अगर आपके पास डीजल कार है और उसमें बीएस-4 का डीजल इंजन लगा हुआ है, तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। आपको बता दे कि बीएस-4 डीजल इंजन वाली कार को आप दिल्ली एनसीआर में नहीं चला सकेंगे।
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1 अक्टूबर से लगेगा प्रतिबंध
सरकार के नए प्रदुषण कंट्रोल निति के अनुसार ईस तरह की गाड़ीया 1 अक्टूबर, 2022 से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पूरी तरह से बैन हो जाएँगी। बता दे कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमिशन) की नई नीति के मुताबिक बीएस-4 इंजन वाली डीजल कारों पर दिल्ली एनसीआर में 1 अक्टूबर के बाद प्रतिबंध लगाया गया है। हालांकि दिल्ली एनसीआर में यह कानून तब लागू होगा जब प्योहारों के समय में एयर क्वालिटी इनडेक्स 450 से उपर पहुच जाएगा।
त्योहारों के समय बढ़ेगा वायु प्रदूषण
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में त्योहारों के सीजन के समय हरियाणा, यूपी और पंजाब में दिवाली में आतिशबाजी करने और पराली जलाने कारणों की वजह से वायु प्रदुषण बहुत ज्यादा हो जाता है। सरकार कि नई नीति के अनुसार बीएस-4 इंजन वाले चारपहिया वाहनों पर रोक लगाई जाएगी। हालाँकि बीएस-4 इंजन के साथ आवश्यक सेवाओं के वाहनों को छूट मिलेगी।
क्या है बीएस
बीएस यानी 'भारत स्टेज' वाहन उत्सर्जन मानकों को भारत सरकार ने दो दसक पहले साल 2000 में शुरू किया था। भारत सरकार ने साल 2005 और 2006 में वायु प्रदूषण पर और नियंत्रण करने के लिए बीएस-2 और बीएस-3 मानकों की शुरुआत की थी। लेकिन किसी कारण से बीएस-3 मानकों का पालन 2010 के बाद से शुरू किया जा सका।
वाहनों से होने वाले इमीशन के बीएस मानक के आगे बढ़ने वाली संख्या का मतलब है प्रदुषण का कम होना। जो गाड़ी बीएस 6 है वह बीएस 4, 3 और 2 से कम प्रदुषण करेगी।
बीएस-6 मानक के इंजन के लाभ
जानकारो के मुताबिक बीएस-4 की तुलना में बीएस-6 डीज़ल इंजन में प्रदूषण फैलाने वाले हानिकारक मैटेरियल 70 से 75 प्रतिशत तक कम होते हैं।
बीएस-6 मानक लागू होने से प्रदूषण में काफी कमी आने लगे गी।
बीएस 6 इंजन कम धुआ छोड़ते हैं