Big News : राजकोषीय घाटा अप्रैल-सितंबर में बढ़ कर हो गया 6.20 लाख करोड़ रुपये
Fiscal Deficit : लेखा महानियंत्रक ने आज यानी 31 अक्टूबर को जो आंकड़े जारी किए हैं उनके अनुसार केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा अप्रैल-सितंबर में बढ़ कर 6.20 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पूरे साल के लक्ष्य का 37.3 प्रतिशत है। अप्रैल-सितंबर 2021 के दौरान राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2021-22 के लक्ष्य का 35 प्रतिशत था। पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में राजकोषीय घाटा 5.27 लाख करोड़ रुपये था। ऐसे में चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-सितंबर में राजकोषीय घाटा साल-दर-साल आधार पर 17.65 फीसदी ज्यादा है।
16.61 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 16.61 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी के 6.4 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रखा है। वहीं केंद्र ने सितंबर में 78,248 करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा दर्ज किया, जो एक साल पहले की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है। इसका शुद्ध टैक्स रेवेन्यू सालाना आधार पर 13 प्रतिशत बढ़ कर 3.12 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि नॉन-टैक्स रेवेन्यू 248 प्रतिशत बढ़ कर 40,796 करोड़ रुपये हो गया। कुल रिसीट्स 22 प्रतिशत बढ़ कर 3.55 लाख करोड़ रुपये हो गई।
कितना रहा टोटल एक्सपेंडीचर
इस बीच कुल एक्सपेंडीचर सितंबर में 24 प्रतिशत बढ़ कर 4.34 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि कैपिटल एक्सपेंडीचर पिछले वर्ष से 57 प्रतिशत बढ़ कर 90,561 करोड़ रुपये हो गया। कुल मिलाकर अप्रैल-सितंबर के लिए, केंद्र की कुल रिसीट्स 9.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 12.04 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि कुल एक्सपेंडीचर 12 प्रतिशत बढ़ कर 18.24 लाख करोड़ रुपये रहा।
घटाया अपना कर्ज
वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए सरकार के उधार कैलेंडर के अनुसार, सरकार ने वित्तीय वर्ष के लिए अपने बाजार उधार को 10,000 रुपये से घटाकर 14.21 लाख करोड़ रुपये कर दिया है।