For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

Big News : अप्रैल-जुलाई में 3.21 लाख करोड़ रु रहा Fiscal Deficit

|

नई दिल्ली, अगस्त 31। सरकारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 के पहले चार महीनों यानी अप्रैल-जुलाई में भारत का राजकोषीय घाटा 3.21 लाख करोड़ रुपये (43.98 अरब डॉलर) रहा। अन्य शब्दों में कहा जाए तो पूरे वर्ष के लिए जो राजकोषीय घाटे का बजटीय लक्ष्य है, उसका 21.3 फीसदी रहा। आंकड़ों से पता चलता है कि नेट टैक्स रिसीट्स (टैक्स कलेक्शन) 5.21 लाख करोड़ रुपये की रहीं, जबकि कुल खर्च 10.04 लाख करोड़ रु का रहा। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के 6.8 फीसदी राजकोषीय घाटा रहने का अनुमान लगाया है।

कमाल का टैलेंट : 12 साल के बच्चे ने घर बैठे ऐसे कमाए करीब 3 करोड़ रुकमाल का टैलेंट : 12 साल के बच्चे ने घर बैठे ऐसे कमाए करीब 3 करोड़ रु

टैक्स कलेक्शन बढ़ना अच्छी खबर

टैक्स कलेक्शन बढ़ना अच्छी खबर

जानकार मान रहे हैं कि टैक्स में कलेक्शन में बढ़ोतरी अच्छी बात है, क्योंकि इससे राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल करना आसान रहेगा। 2020-21 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 9.3 प्रतिशत रहा था, जो वित्त मंत्रालय के संशोधित बजट अनुमानों (9.5 प्रतिशत) से कम था। चालू वित्त वर्ष के लिए मूल्य में कुल 15.07 लाख करोड़ रु के राजकोषीय घाटे का अनुमान रखा गया है।

ऐसे हुई सरकार को कमाई

ऐसे हुई सरकार को कमाई

अप्रैल-जुलाई के दौरान सरकार की कुल प्राप्तियां 6,83,297 करोड़ रुपये रही, जो कि बजट अनुमान 2021-22 का 34.6 प्रतिशत है। इसमें 5,29,189 करोड़ रुपये टैक्स इनकम, 1,39,960 करोड़ रुपये नॉन-टैक्स इनकम और 14,148 करोड़ रुपये नॉन-डेब्ट कैटिपल प्राप्तियां शामिल रहीं। नॉन-डेब्ट कैटिपल प्राप्तियां प्राप्तियों में 5,777 करोड़ रुपये के लोन की वसूली और 8,371 करोड़ रुपये की विनिवेश इनकम शामिल रही।

राज्यों को कितना मिला

राज्यों को कितना मिला

वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि जुलाई 2021 तक टैक्स ट्रांसफर के रूप में राज्य सरकारों को लगभग 1,65,064 करोड़ रुपये दिए गए हैं। सरकार द्वारा किया गया कुल खर्च 10,04,440 करोड़ रुपये (बजट अनुमान 2021-22 का 28.8 प्रतिशत) था, जिसमें से 8,76,012 करोड़ रुपये राजस्व खाते और 1,28,428 करोड़ रुपये पूंजी खाते के रहे। वहीं कुल राजस्व व्यय में से 2,25,817 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान के लिए और 1,20,069 करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडी के लिए खर्च हुए। हाल ही में सरकार ने संसद में जानकारी देते हुए संभावना जताई थी कि जीडीपी के प्रतिशत के रूप में कुल डेब्ट 2021-22 में बढ़कर 61.7 प्रतिशत (प्रोविजनल) हो जाएगा, जो पिछले वित्त वर्ष में 60.5 प्रतिशत (प्रोविजनल) था। वहीं, चालू वित्त वर्ष में पब्लिक डेब्ट बढ़कर 54.2 फीसदी हो जाएगा, जो 2020-21 में 52 फीसदी था।

English summary

Big News Fiscal Deficit in April July stood at Rs 3 point 21 lakh crore

The total receipts of the government during April-July stood at Rs 6,83,297 crore, which is 34.6 per cent of the BE 2021-22.
Story first published: Tuesday, August 31, 2021, 18:55 [IST]
Company Search
Thousands of Goodreturn readers receive our evening newsletter.
Have you subscribed?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X