बड़ी खबर : कोरोनावायरस महामारी के बीच ईपीएफ नियमों में ढील
नयी दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी के बीच सरकार ने ईपीएफ नियमों में ढील दी है। कोरोनावायरस को फैलने से किये गये लॉकडाउन के बीच लोगों को आर्थिक दिक्कत न हो इसके लिए आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कई बड़ी घोषणाएं कीं। इनमें ईपीएफ नियमों में ढील दिया जाना शामिल है। वित्त मंत्री ने कहा कि ईपीएफओ के तहत श्रमिकों को उनका 75 फीसदी नॉन-रिफंडबेल एडवांस या 3 महीने का वेतन, जो भी कम हो, को निकालने की अनुमति मिलेगी। इससे 4.8 करोड़ ईपीएफ खाताधारकों को राहत मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा 100 से कम कर्मचारियों वाली उन कंपनियों में जिनमें 90 फीसदी कर्मचारियों का मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम हो भारत सरकार कंपनी और कर्मचारी तरफ से 12 फीसदी + 12 फीसदी पीएफ खुद जमा करेगी। यह उनके रोजगार में आने वाली अड़चन को रोकने के लिए है। सरकार ने इसके लिए 5000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।
लॉकडाउन के लिए लिये गये फैसले
ये घोषणाएं कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर की गई हैं, जिसने भारत में पहले से ही 649 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। इसके फैलने को रोकने के लिए 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। भारत में कोरोना से मरने वालों की संख्या 13 है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी नवीनतम आंकड़ों से पता चला है कि महाराष्ट्र में अब तक सबसे अधिक 124 और उसके बाद केरल में 118 कोरोना मरीज मिले हैं।
आरबीआई भी कर सकता है बड़ा ऐलान
वित्त मंत्रालय ने आरबीआई को एक पत्र लिख कर कोरोनावायरस महामारी के कारण आर्थिक तबाही से निपटने में मदद करने के उद्देश्य से आपातकालीन उपाय लागू करने पर विचार करने को कहा है। इनमें किसी भी लोन की ईएमआई भरने वालों को भी राहत दिए जाने का फैसला लिया जा सकता है। इसके लिए उन्हें ईएमआई भरने का अधिक समय मिल सकता है।
कोरोना संकट के बीच लोन ईएमआई भरने वालों को मिल सकती है राहत