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बड़ा फैसला : TPA की मनमानी पर रोक, आसानी से मिलेगा स्वास्थ बीमा क्लेम

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नयी दिल्ली। स्वास्थ बीमा क्लेम पर लोगों को राहत देते हुए बीमा नियामक आईआरडीएआई ने थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेशन (टीपीए) की मनमानी रोकने के लिए एक अहम फैसला लिया है। आईआरडीएआई ने बीमा कंपनियों की तरफ से टीपीए को बीमा क्लेम पेमेंट का फैसले न लेने को कहा है। यानी अब ये जरूरी होगा कि किसी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीधारक और बीमा कंपनी के बीच टीपीए सिर्फ क्लेम प्रोसेसिंग के लिए शामिल होगा। बता दें कि कोई भी पॉलिसीधारक जब स्वास्थ्य बीमा का क्लेम करता है तो उसे टीपीए से कॉन्टैक्ट करना होता है। सही मायनों में टीपीए किसी बिचौलिए की तरह है, जो आपके क्लेम हासिल करने में मदद करता है और जनरल बीमा कंपनी के संपर्क में होता है। मगर कोरोना आने से हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम बढ़े हैं। इसी कारण क्लेम की पेमेंट में देरी की खबरे आ रही हैं। आईआरडीएआई ने बीमा कंपनियों को जल्दी पेमेंट करने के लिए भी कहा है।

आईआरडीएआई का खास निर्देश

आईआरडीएआई का खास निर्देश

आईआरडीएआई ने बीमा कंपनियों को ऐसी विशेष टीमें बनाने को कहा है जो क्लेम जल्दी निपटाने में मदद करें। इन टीमों को कंपनियों को आंतरिक स्तर पर बनाने को कहा गया है। जिन कंपनियों के पास ऐसी टीमें हैं उनमें एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस, बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, मैक्स बूपा और लिबर्टी जनरल इंश्योरेंस शामिल हैं। इन कंपनियों के पास इन-हाउस क्लेम प्रोसेसिंग टीमें हैं, जिन पर क्लेम की पेमेंट जल्दी कराने की जिम्मेदारी है। बीमा कंपनियों के मुाबिक टीपीए का काम ये था कि जब क्लेम की संख्या बढ़ जाए तो इन्हें निपटाने के लिए किसी बाहरी पक्ष की सहायता ली जा सकती है।

पहले के मुकाबले जल्दी होगा काम

पहले के मुकाबले जल्दी होगा काम

अब क्लेम जल्दी निपटाने और समय सीमा कम करने के कारण इन-हाउस टीम पर जिम्मेदारी होगी। इससे बीमा कंपनियों की धीरे-धीरे ही सही मगर टीपीए पर निर्भरता कम होगी। जैसा कि बताया गया कि क्लेम के लिए आपको टीपीए से संपर्क करना होता है। टीपीए के बारे में आपको पॉलिसी के डॉक्यूमेंट्स में बताया जाएगा। अगर आप बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती हों तो आपको पहले टीपीए को इसकी जानकारी देनी होगी। फिर टीपीए इसके बारे में कंपनी को बताता है, जिससे क्लेम निपटाने की प्रोसेस में समय लगता है। मगर अब इन-हाउस टीम क्लेम सेटलमेंट प्रोसेस में तेजी ला सकेगी।

गलतफहमी में न रहें

गलतफहमी में न रहें

अक्सर लोग इस गलतफहमी में रहते हैं कि टीपीए उनका क्लेम स्वीकार करेगा या नहीं। वे समझते हैं कि टीपीए इसे अस्वीकार भी कर सकता है। मगर ऐसा नहीं है। असल में आईआरडीएआई के नियमों के अनुसार कोई टीपीए सिर्फ क्लेम की प्रोसेसिंग में शामिल होता है। क्लेम पर हां या न कहने की उसे इजाजत नहीं होती। इसीलिए जब आप टीपीए को क्लेम देते हैं तो वे बीमा कंपनी के क्लेम डिपार्टमेंट से संपर्क करके ये कंफर्म करता है कि अप्रूवल मिला या नहीं। जहां तक क्लेम निपटारे का सवाल है तो इसमें 7-10 दिन लग सकते हैं। मगर बीम कंपनी की इन-हाउस टीम इससे कम समय में क्लेम निपटा सकेगी।

Jan Dhan Yojana के तहत चाहिए बीमा तो न करें ये गलती, वरना होगा नुकसानJan Dhan Yojana के तहत चाहिए बीमा तो न करें ये गलती, वरना होगा नुकसान

English summary

Big decision stoppage on TPA arbitrariness now easy to get health insurance claim

IRDAI has asked insurance companies to form special teams to help settle claims quickly. These teams have been asked to form companies internally.
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