Big Deal : भारत-अमेरिका के बीच हुआ निवेश प्रोत्साहन समझौता, जानिए बाकी डिटेल
नई दिल्ली, मई 23। भारत सरकार और अमेरिका की सरकार के बीच टोक्यो, जापान में एक निवेश प्रोत्साहन समझौते (आईआईए) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। आईआईए पर सोमवार को भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा और यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएफसी) के सीईओ स्कॉट नाथन ने हस्ताक्षर किए। आईआईए समझौता वर्ष 1997 में भारत सरकार और अमेरिका की सरकार के बीच हुए निवेश प्रोत्साहन समझौते की जगह लेगा। 1997 में पहले आईआईए पर हस्ताक्षर करने के बाद से, कई अहम डेवलपमेंट हुए हैं। इनमें डीएफसी नामक एक नई एजेंसी का बनना शामिल है, जो अमेरिकी सरकार की एक डेवलपमेंट फाइनेंस एजेंसी है। डीएफसी मुख्य रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में विकास परियोजनाओं में निवेश करती है। ये यूएसए के हालिया कानून, बिल्ड एक्ट 2018 के अधिनियमन के बाद पुराने ओवरसीज प्राइवेट इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (ओपीआईसी) की जगह लेने वाली एजेंसी है।
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आईआईए का महत्व
आईआईए को डीएफसी द्वारा प्रस्तावित अतिरिक्त निवेश सहायता कार्यक्रमों (जैसे लोन, इक्विटी निवेश, निवेश गारंटी, निवेश बीमा या पुनर्बीमा, संभावित परियोजनाओं और अनुदान के लिए अध्ययन के साथ तालमेल रखने के लिए किया गया है। नया समझौता भारत में निवेश सहायता प्रदान करना जारी रखने के लिए डीएफसी के लिए कानूनी आवश्यकता है। बता दें कि 1974 से भारत में एक्टिव डीएफसी या इसकी पिछली एजेंसियों ने अब तक 5.8 बिलियन डॉलर की निवेश सहायता प्रदान की है, जिसमें से 2.9 बिलियन डॉलर अभी भी बकाया है।
इन क्षेत्रों पर होगा फोकस
डीएफसी ने भारत में उन क्षेत्रों में निवेश सहायता की पेशकश की है जो डेवलपमेंट के लिए जरूरी हैं जैसे कि कोविड-19 वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग, स्वास्थ्य संबंधी फाइनेंसिंग, रिन्युएबल एनर्जी, एसएमई फाइनेंसिंग, फाइनेंशियल इंक्लूजन, इंफ्रा आदि। उम्मीद की जा रही है कि आईआईए समझौते पर हस्ताक्षर करने से भारत में डीएफसी द्वारा प्रदान की जाने वाली निवेश सहायता में वृद्धि होगी, जिससे भारत का विकास होगा।