Google, FB जैसी दिग्गज कंपनियों पर G7 देशों के नियमों के अनुसार लगेगा टैक्स
नई दिल्ली, जून 5। लंदन में जी7 (कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका) के वित्त मंत्रियों की एक बैठक हुई। इस बैठक में इस बात पर सहमति बनी की कंपनियां इनमें से जिस देश में काम करेंगी वहीं के नियमों के अनुसार टैक्स का भुगतान करेंगी। ये फैसला टैक्स के मामले में किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए लिया गया है। अमेजन और गूगल जैसी बहुराष्ट्रीय तकनीकी दिग्गजों के इस प्रस्ताव के दायरे में शामिल होने की उम्मीद है। बता दें कि ब्रिटेन के राजकोष के चांसलर ऋषि सनक ने ब्रिटेन की अध्यक्षता में हुई जी7 वित्त मंत्रियों की बैठक में इस प्रस्ताव का स्वागत किया।
यूके कर रहा था कोशिश
सुनक के अनुसार ये टैक्स सुधार वे हैं जिन पर ब्रिटेन जोर दे रहा है। उनके अनुसार यह ब्रिटिश करदाताओं के लिए एक बड़ा पुरस्कार है। उन्होंने कहा कि इससे 21वीं सदी के लिए एक बेहतर टैक्स सिस्टम का निर्माण होगा। सुनक के अनुसार यह वास्तव में एक ऐतिहासिक समझौता है और मुझे गर्व है कि जी7 ने हमारे वैश्विक आर्थिक सुधार में इस महत्वपूर्ण समय में सामूहिक नेतृत्व दिखाया है।
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बन गयी सहमति
जी7 देशों के अलावा यूरोपीय संघ वैश्विक न्यूनतम दर के सिद्धांत पर सहमत हुआ, जो यह सुनिश्चित करेगा कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां प्रत्येक उस देश में, जिस वे बिजनेस कर रही हैं, कम से कम 15 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करें। यूके के ट्रेजरी विभाग के मुकाबित निष्पक्ष सिस्टम का मतलब होगा कि यूके बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों से अधिक टैक्स राजस्व जुटाएगा और इससे उसे देश में सार्वजनिक सेवाओं के लिए भुगतान करने में मदद मिलेगी। इस समझौते पर अब जुलाई में जी20 के वित्तीय मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स की बैठक में और विस्तार से चर्चा की जाएगी।