देश की नंबर 1 कार कंपनी Maruti को बड़ा झटका, 65 फीसदी से ज्यादा घटा मुनाफा
नई दिल्ली, अक्टूबर 27। मारुति सुजुकी सबसे अधिक कार बनाने के मामले में भारत की नंबर 1 कंपनी है। हर महीने बिक्री और टॉप 10 सबसे अधिक बिकने वाली कारों में शामिल होने सर्वाधिक मॉडल भी मारुति के ही रहते हैं। पर जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की नंबर 1 कार कंपनी को भारी झटका लगा है। ऑटो प्रमुख मारुति सुजुकी ने बुधवार को वित्त वर्ष 2021-22 की जुलाई-सितंबर तिमाही के वित्तीय नतीजे पेश किए हैं। साल दर साल आधार पर कंपनी के मुनाफे में 65.35 प्रतिशत की गिरावट आई है। जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी का मुनाफा 475.30 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही में 1,371.60 करोड़ रुपये रहा था।
Maruti, Hyundai और Tata की सेल्स घटी, जानिए बाकी कंपनियों का हाल
जानकारों के अनुमान से भी कम रहा प्रोफिट
मारुति सुजुकी का मुनाफा जानकारों के अनुमान से भी कम रहा है। जानकारों ने कंपनी के 754.40 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाने का अनुमान लगाया था। इस तिमाही के लिए मारुति की इनकम 9.09 प्रतिशत घट कर 19,297.80 करोड़ रुपये रह गई, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 17,689.30 करोड़ रुपये रही थी। तिमाही के लिए मार्जिन 4.1 फीसदी रहा।
क्यों घटा मुनाफा
मारुति ने कहा है कि प्रतिकूल कमोडिटी कीमतों (यानी कच्चे माल की बढ़ती कीमतों) और इलेक्ट्रॉनिक कम्पोनेंट की कमी के कारण इसके वित्तीय नतीजे कमजोर रहे हैं। कार निर्माता ने तिमाही के दौरान कुल 379,541 कारें बेचीं। ये आंकड़े इलेक्ट्रॉनिक कम्पोनेंट की आपूर्ति में वैश्विक स्तर पर आई कमी से बहुत नीचे रहे। घरेलू बाजार में इसकी सेल्स 3,20,133 कारों की रही। कंपनी ने तिमाही में 59,408 यूनिट्स का निर्यात किया, जो किसी भी तिमाही में सबसे अधिक है।
लाखों गाड़ियां नहीं हो सकीं तैयार
मारुति के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट की कमी के कारण करीब 116,000 वाहनों का उत्पादन नहीं किया जा सका, जो ज्यादातर घरेलू मॉडल के अनुरूप थे। मारुति सुजुकी ने कहा है कि तिमाही के अंत में कंपनी के पास 200,000 से अधिक ग्राहक ऑर्डर बकाया हैं, जिसके लिए कंपनी डिलीवरी में तेजी लाने के लिए सभी प्रयास कर रही है। एक वर्ष की अवधि के भीतर स्टील, एल्यूमीनियम और कीमती धातुओं की कीमतों में बढ़ोतरी भी कंपनी के लिए काफी मुसीबत का सबब बना।