सस्ता Petrol बेचने से इस सरकारी कंपनी का बजा बाजा, जानिए कितना नुकसान
नई दिल्ली, अगस्त 08। सरकार द्वारा संचालित भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन ने जून तिमाही का रिपोर्ट जारी किया है। पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों को बढ़ाने पर रोक के कारण अप्रैल-जून तिमाही में भारत पेट्रोलियम को 6,148 करोड़ का नुकसान हुआ है। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान कंपनी ने 3,214 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया था। सरकार ने महंगाई को कंट्रोल करने के लिए पेट्रोल और डीजल पर टैक्स घटाया था, जिसके बाद से ही सरकार ने तेल कंपनियों को दाम बढ़ाने की अनुमति नहीं दी है।
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बढ़ा है राजस्व
संचालन से राजस्व पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले 54% बढ़कर ₹1.3 लाख करोड़ हो गया। विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव के कारण कंपनी को विदेशी मुद्रा में ₹966 करोड़ का घाटा हुआ है। भारतीय पेट्रोलियम के मैटेरियल कंजप्शन की लागत ₹26,805 करोड़ से बढ़कर दोगुनी से अधिक ₹63,615 करोड़ हो गई।
बिक्री बढ़ने के बावजूद हुआ है नुकसान
जून तिमाही में बाजार में बिक्री बढ़कर 11.76 मिलियन टन होने के बावजूद कंपनी को नुकसान का सामना करना पड़ा है। पिछले वित्तीय वर्ष में बिक्री 9.63 मिलियन टन थी। बीपीसीएल की रिफाइनरियों ने अप्रैल-जून तिमाही 2021 में 7.84 मीट्रिक टन कच्चे तेल को ईधन में रिफाइन किया था। इस वर्ष जून तिमाही में कंपनी की रिफाइनरियों ने 9.69 मीट्रिक टन कच्चे तेल को ईंधन में रिफाइन किया है।
कंपनी ने नहीं बढ़ाए दाम
कंपनी ने बताया कि अप्रैल-जून में 6,290.8 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है। पिछले साल जून तिमाही में कंपनी को 3,192.58 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। कंपनी ने इस तिमाही में कच्चे तेल के प्रत्येक बैरल को ईंधन में बदलने पर 27.51 अमेरिकी डॉलर की कमाई की है, जबकि एक साल पहले जून तिमाही में यह 4.12 डॉलर प्रति बैरल का सकल रिफाइनिंग मार्जिन था। लेकिन बढ़ती लागत के बावजूद ईंधन की कीमतों को नहीं बढ़ाने के कारण होने वाले नुकसान से कंपनी को घाटा हो गया।