BPCL मिडिल ईस्ट से कम करेगा गैस की निर्भरता
भारतीय कंपनियां अरब देशों से एलपीजी खरीद की निर्भरता कम करेंगी। जी हां एलपीजी के भारतीय खरीदार कंपनियां मिडिल ईस्ट से सप्लाई के लिहाज से अपनी निर्भरता घटाने की योजना पर काम कर रही हैं।
नई दिल्ली: भारतीय कंपनियां अरब देशों से एलपीजी खरीद की निर्भरता कम करेंगी। जी हां एलपीजी के भारतीय खरीदार कंपनियां मिडिल ईस्ट से सप्लाई के लिहाज से अपनी निर्भरता घटाने की योजना पर काम कर रही हैं। इसकी बड़ी वजह पिछले साल की दो घटनाएं हैं। पहली सऊदी अरब के फ्यूल एरिया में ड्रोन हमला और दूसरी चीन-यूएस के बीच ट्रेड वार। दोनों घटनाओं के कारण सप्लाई प्रभावित हुई थी। 1 नवंबर से बदल जाएगा LPG सिलेंडर की होम डिलीवरी सिस्टम, जान लें आप भी ये भी पढ़ें
करीब 8 लाख टन के लिए होगी बिड
इतना ही नहीं इसके अलावा भारतीय कंपनियों को ऊंची कीमतों पर डील करनी पड़ी थी। इन वजहों से कंपनियों ने सबक लेते हुए यह फैसला लिया है। मिली जानकारी के मुताबिक भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) 2021 में अपनी एलपीजी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ग्लोबल सप्लायर्स से बिड मांगी है। यह बिड करीब 8 लाख टन के लिए होगी, जो सालाना इंपोर्ट की आवश्यकता का पांचवां हिस्सा है। सालाना इंपोर्ट लगभग 40 लाख टन का है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह बिड अभी भी मिडिल ईस्ट उन गैस प्रोड्यूसर्स के लिए खुली है, जो पहले से ही बीपीसीएल को कॉन्ट्रैक्ट के तहत फ्यूल उपलब्ध कराती रही हैं।
कीमतों में उतार-चढ़ाव से सप्लाई प्रभावित
वहीं नए टेंडर का उद्देश्य मिडिल ईस्ट और एलपीजी के अन्य स्रोतों के बीच अच्छे भाव पर सप्लाई प्राप्त करना है। मालूम हो कि भारत के फ्यूल रिटेलर ज्यादातर एलपीजी को सऊदी अरब, कतर, यूएई और कुवैत जैसे देशों से खरीदते हैं। लेकिन आए दिन इनकी कीमतों में उतार-चढ़ाव होता रहता है, जिससे सप्लाई प्रभावित होता है। इसके अलावा पिछले साल फेस्टिव सीजन के ठीक पहले सऊदी अरब के फ्यूल एरिया में ड्रोन हमला हुआ था। अमेरिका और चीन के मध्य ट्रेड वार भी चरम रहा। इन दोनों घटनाओं से सप्लाई प्रभावित हुई थी। क्योंकि ट्रेड वार के दौरान चीन ने अमेरिका से फ्यूल इंपोर्ट करना बंद कर दिया था। इससे भारत को फारस की खाड़ी से एलपीजी लेने के लिए ऊंची कीमतों भुगतान करना पड़ा था।