फायदे की बात : EPFO ने किया रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने का समर्थन, जानिए फायदे
नई दिल्ली, सितंबर 05। भारत में कर्माचिरयों की रिटायरमेंट की उम्र सीमा में बढ़ोत्तरी हो सकती है। कर्मचारियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए ईपीएफओ को उम्र बढ़ाने की कई वजहें दिख रही हैं। ईपीएफओ ने कुछ कारण गिनाते हुए रिटायरमेंट की उम्र सीमा बढ़ाने का समर्थन किया है। ईपीएफओ का मानना है कि आने वाले समय में देश में अधिक उम्र के लोगों की जनसंख्या में हिस्सेदारी बढ़ने वाली है। इस लिए जिवन की स्थितियां और अनुकूल बनाने के लिए रिटायरमेंट की सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए।
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पेंशन का बढ़ जाएगा बोझ
ईकोनॉमिक टाइम की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईपीएफओ का मानना है कि निकट भविष्य में देश की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा 60 साल से अधिक लोगों का होगा। रिटायरमेंट की समय सीमा न बढ़ाने पर पेंशन का बोझ बढ़ जाएगा। इसके लिए सरकार को सोच विचार शुरू कर देनी चाहिए और रिटायरमेंट की आयू को बढ़ाने के विकल्प के बारे में सोचना चाहिए।
ईपीएफओ ने जारी किया है रिपोर्ट
ईपीएफओ ने एक विजन डॉक्यूमेंट 2047 जारी किया है, इसमें कहा गया है कि रिटायरमेंट की उम्र सीमा को बढ़ाना एस सही विकल्प है। यह सुझाव ऐसी स्थितियों का सामना कर चुके अन्य देशों को मिले सबक के मुताबिक दिया गया है। यह कदम पेंशन सिस्टम को और व्यवहारिक बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएगा। भारत में साल 2047 तक अनुमान के हिसाब से करीब 14 करोड़ लोग 60 साल या उससे ऊपर की उम्र के होंगे। अगर भारत में रिटायरमेंट की सीमा 60 साल बनी रहती है तो इससे पेंशन फंड पर दबाव काफी हद तक बढ़ जाएगा। इस स्थिति से निपटने के लिए ईपीएफओ उम्र सीमा बढ़ाने का सुझाव दे रहा है। इकोनॉमिक टाइम्स के खबर के मुताबिक अगर उम्र सीमा बढ़ती है तो ज्यादा जमा रकम, थोड़े और वक्त तक ईपीएफओ और पेंशन फंड्स के पास रहेगी जिससे ईपीएफओ को महंगाई का असर खत्म करने में मदद मिलेगी। सरकार जल्द ही इसपर चर्चा शुरू कर सकती है।
रिटायरमेंट लोगों की संख्या बढ़ेगी
भारत में सभी सेक्टरो में कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र 58 से 65 साल के बीच है। यह उम्र सीमा यूरोपियन यूनियन में 65 साल, डेनमार्क, इटली, हॉलैंड में 67 साल, अमेरिका में 66 साल की है। ऊपर के सभी देशों में बुजुर्गों की संख्या पूरी जनसंख्या की एक बड़ी आबादी है। रिपोर्ट के अनुसार साल 2047 तक भारत में भी ऐसी स्थिति बन सकती है। जिसके कारण से रिटायरमेंट से जुड़े फायदे और पेंशन के लिए काफी खर्च बढ जाएगा।