Bank of England : 30 साल में ब्याज दरों में की सबसे बड़ी बढ़ोतरी
UK Central Bank: यू.के. केंद्रीय बैंक मुद्रास्फिती के प्रभावो से निपटने के लिए गंभीर है। बैंक ने ब्याज दरो में लागातार आठवी बार बढ़ोत्तरी की है। बैंक ऑफ इंग्लैंड ने तीन दशकों में अपनी सबसे बड़ी ब्याज दर में वृद्धि की घोषणा की है। क्रेंद्रिय बैंक रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण हो रहे आर्थिक प्रभावो और पूर्व प्रधान मंत्री लिज ट्रस की आर्थिक नितियों के बुरे प्रभावों से निपटने के लिए कठोर कदम उठा रहा है।
मुद्रास्फिती ने निपटना है लक्ष्य
सितंबर में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति 40 साल के उच्च स्तर पर रही है। इससे निपटने के लिए यू.के क्रेंद्रिय बैंक ने 3 नवंबर को अपनी प्रमुख दर को तीन-चौथाई प्रतिशत बढ़ाकर 3 प्रतिशत कर दिया। मुद्रास्फीति को बेकाबु होने से बचाने के लिए बैंक के इस कमद का अनुमान पहले से था।
लिज ट्रस ने टैक्स में की थी कटौती
लिज ट्रस की सरकार ने टैक्स ब्याज दर में 45 बिलियन पाउंड (52 बिलियन डॉलर) की गैर-वित्तपोषित कर कटौती की घोषणा के बाद ब्रिटेन के बाजारों में उथल-पुथल मच गई थी। जिसके कारण लिज ट्रस को अपने पद से इस्तिफा देना पड़ा था। लिज क बाद उकने उत्तराधिकारी बने ऋषि सुनक ने खर्च में कटौती और टैक्स में बढोत्तरी की की बात कही है।
आठवी बार दरों में की है वृद्धि
ब्याज दर वृद्धि बैंक ऑफ इंग्लैंड की लगातार आठवीं और 1992 के बाद से सबसे बड़ी है। यू.के केंद्रिय बैंक ने 2 नवंबर को अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा लगातार चौथी बार ब्याज दर को बढ़ाने के बाद ब्याज दर को बढाने का फैसला किया है। बैंक आर्थिक मंदी की आशांका को कम करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
जानकारो ने पहले ही अनुमान लगाया था कि यूके का केंद्रिय बैंक 1 प्रतिशत तक ब्याज दर बढ़ाने का विकल्प चुन सकता है। जानकारों का मानना है कि बैंक मुद्रास्फिती से लड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
केंद्रीय बैंकों ने शुरू मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष किया है। बैंको के लिए मूल्यों में वृद्धि कर पाना अब भी मुश्किल हो रहा है। लेकिन पिछले तीन महीने में विश्व भर के तमाम देशों के केंद्रिय बैंक ने अपने प्रयासों को काफी तेज किया है। कोरोना के प्रभावों से उबरने के बाद रुस युक्रेन युद्ध ने खाद्य और जरूरी वस्तुओं की कीमतों को प्रभावित किया है। सभी देश इन्हीं कारको से लड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
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