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बुरी खबर : UPI पेमेंट पर लग सकता है चार्ज, RBI कर सकता है फैसला

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नई दिल्ली, अगस्त 18। आज के समय में बहुत कम लोग ऐसे बचे हैं, जो यूपीआई के जरिए लेन-देन न करते हों। मगर अब यूपीआई के जरिए पैसा ट्रांसफर करने पर चार्ज लग सकता है। जी हां आरबीआई ने इस मामले में फीडबैक मांगा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 17 अगस्त को एक डिस्कशन पेपर जारी किया जिसमें यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) और क्रेडिट कार्ड से संबंधित शुल्कों पर फीडबैक मांगा गया है।

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यूपीआई पर चार्ज

यूपीआई पर चार्ज

डिस्कशन पेपर में पेमेंट सिस्टम से संबंधित सभी तरीकों जैसे तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस), राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) प्रणाली, रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) प्रणाली और यूपीआई पर शुल्क शामिल हैं। इसमें डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई) जैसे विभिन्न भुगतान साधन भी शामिल हैं।

उपयोगकर्ताओं के लिए उचित

उपयोगकर्ताओं के लिए उचित

आरबीआई ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि पेमेंट सर्विसेज के लिए लगने वाला शुल्क उपयोगकर्ताओं के लिए उचित और निर्धारित होना चाहिए। साथ ही इंटरमीडियटरीज के लिए ऑप्टिमल इनकम सोर्स भी प्रदान करने वाला होना चाहिए। प्राप्त फीडबैक का उपयोग नीतियों और इंटरवेंशन स्ट्रेटेजीज को निर्देशित करने के लिए किया जाएगा।

दिसंबर कर दिया था ऐलान
 

दिसंबर कर दिया था ऐलान

आरबीआई ने पिछले साल दिसंबर में पेमेंट सिस्टम में शुल्क पर एक डिस्कशन पेपर जारी करने का प्रस्ताव दिया था जिसमें डिजिटल भुगतान के विभिन्न चैनलों में शामिल शुल्क से संबंधित सभी पहलुओं को शामिल किये जाने की बात कही गयी थी। पेपउपयोगकर्ताओं के लिए डिजिटल लेनदेन को अफॉर्डेबल बनाने और प्रोवाइडर्स के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी बनाने के लिए उपायों की आवश्यकता है।

क्या पूछा आरबीआई ने

क्या पूछा आरबीआई ने

केंद्रीय बैंक ने पेपर में पूछा है कि क्या डेबिट कार्ड लेनदेन को सामान्य फंड ट्रांसफर लेनदेन के रूप में चार्ज किया जाना चाहिए और क्या एमडीआर सभी व्यापारियों के लिए समान होना चाहिए। एमडीआर मर्चेंट डिस्काउंट रेट की शॉर्टर फॉर्म है। यह कमीशन बैंक और कार्ड जारीकर्ता आपस में शेयर करते हैं। इसी तरह अगर एमडीआर 0.5 प्रतिशत है, तो यह पैसा बैंक और कार्ड जारीकर्ता प्लेटफॉर्म यानी वीज़ा, मास्टरकार्ड, एएमईएक्स आदि के बीच बांटी जाएगी।

अभी नहीं लगता चार्ज

अभी नहीं लगता चार्ज

फिलहाल डेबिट कार्ड, रुपे कार्ड और यूपीआई पर कोई शुल्क नहीं लगता है। वास्तव में ये सरकार की जीरो-एमडीआर नीति के तहत हैं। यह नीति क्या है ये भी समझ लीजिए। इससे अनिवार्य होता है कि व्यापारियों को इन मोड के जरिए भुगतान स्वीकार करने के लिए कोई शुल्क नहीं लगाया। मगर वीज़ा और मास्टरकार्ड डेबिट कार्ड पर एमडीआर 0.4 से 0.9 प्रतिशत तक लगता है। इस पैसे को अधिग्रहणकर्ता और जारीकर्ता बैंक शेयर करते हैं। आरबीआई ने 3 अक्टूबर को या उससे पहले इस पेपर पर फीडबैक और सुझाव मांगे हैं। यूपीआई के मामले में आरबीआई का पेपर में सवाल है कि अगर यूपीआई लेनदेन पर शुल्क लगाया जाए तो क्या इसकी नियामक द्वारा निगरानी की जाए या इसे बाजार निर्धारित किया जाए। क्या केंद्रीय बैंक को आईएमपीएस पर शुल्कों को विनियमित करना चाहिए ये भी सवाल किया गया है। क्या इसके तहत लगाए जाने वाले शुल्कों पर एक सीमा तय करनी चाहिए सवाल यह भी है। यदि यूपीआई पर चार्ज लगता है तो देश के करोड़ों लोग प्रभावित होंगे।

English summary

Bad news UPI payment may be charged RBI may decide

RBI has said in a release that the charges for payment services should be reasonable and fixed for the users.
Story first published: Thursday, August 18, 2022, 18:09 [IST]
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