भारत की GDP के लिए बुरी खबर, एक और एजेंसी ने घटाई अनुमानित विकास दर
Indian Economy : S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने आज भारत की वित्त वर्ष 2023 के GDP ग्रोथ अनुमान दर को 30 बीपीएस घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया है। S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने FY24 के लिए भी भारत के विकास दर के पूर्वाअनुमानित ग्रोथ में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। एजेंसी ने वित्त वर्ष 2024 के ग्रोथ रेट को 6 प्रतिशत रखा है।
7.3 प्रतिशत की अनुमानित ग्रोथ का था आकड़ा
पहले रेटिंग एजेंसी ने वर्तमान में चल रहे वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक विकास दर को 7.3 प्रतिशत अनुमानित किया था। S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने मुद्रास्फीति 2022 के अंत तक 6 प्रतिशत की रहने की संभावना जताई थी। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स एशिया-पैसिफिक के प्रमुख ने का कहना है कि वैश्विक मंदी का भारत जैसी घरेलू मांग वाली अर्थव्यवस्थाओं पर कम प्रभाव पड़ेगा। S&P ग्लोबल रेटिंग्स के अनुसार वित्त वर्ष 2022-2023 में भारत का उत्पादन 7 फीसदी और अगले वित्त वर्ष में 6 फीसदी की दर से बढ़ेगा।
2021 में तेजी से बढ़ी थी अर्थव्यस्था
2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 8.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई थी। एशिया-पैसिफिक के लिए अपने तिमाही आर्थिक अपडेट में एसएंडपी ने ने लिखा है कि कुछ देशों में कोविड से घरेलू मांग में सुधार होना अभी भी बाकी है। भारत में अगले साल विकास को ज्यादा समर्थन मिलन की संभावना है।
नहीं कम हो रही है महंगाई दर
S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति को औसत 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। रेटिंग एजेंसी का कहना है कि मार्च 2023 तक आरबीआई की बेंचमार्क ब्याज दर 6.25 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। देश में महंगाई को काबू में करने के लिए आरबीआई ने पहले ही ब्याज दर में 1.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। आज रेपो रेट 5.9 प्रतिशत है। यह 3 साल के अपने सबसे उच्च स्तर पर है।
रुस-यूक्रेन युद्ध का पड़ रहा है प्रभाव
फरवरी में शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद मुख्य रूप से आपूर्ति चेन यानी की सप्लाई चेन में काफी दिक्कत हुई है। भारत में पिछले महीने में खुदरा महंगाई दर थोड़ी कम हुई है। खुदरा मुद्रास्फीति पिछले 3 महीने के निचले स्तर 6.7 प्रतिशत पर आ गई है। जबकि थोक मुद्रास्फीति पिछले महीने 19 महीने के निचले स्तर 8.39 प्रतिशत पर थी।
FD : जानिए Tax सेविंग एफडी पर कहां मिल रहा सबसे ज्यादा ब्याज