Adani Ports को अमेरिका में लगा झटका, एसएंडपी इंडेक्स किया गया बाहर, जानिए क्यों
नयी दिल्ली, अप्रैल 13। अडानी पोर्ट्स को अमेरिका में एक तगड़ा झटका लगा है। अडानी पोर्ट्स को अमेरिकी शेयर सूचकांक डॉव जोंस ने बाहर कर दिया है। एसएंडपी डॉव जोंस इंडाइसेज ने कहा कि इसने भारत की अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड को म्यांमार की सेना (जिस पर इस साल तख्तापलट के बाद मानवाधिकार हनन का आरोप है) के साथ व्यापारिक संबंधों के कारण अपने सूचकांक से हटा दिया है।
म्यांमार सेना के साथ व्यापार
भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट मल्टी-पोर्ट ऑपरेटर सैन्य समर्थित म्यांमार इकोनॉमिक कॉर्पोरेशन (एमईसी) से पट्टे पर ली गई जमीन पर यांगून में 29 करोड़ डॉलर की लागत वाला पोर्ट बना रही है। कंपनी को गुरुवार 15 अप्रैल को अमेरिकी शेयर बाजार खुलने से पहले सूचकांक से हटा दिया जाएगा। इस बात की जानकारी डॉव जोंस की तरफ से दी गयी है।
क्या हैं म्यांमार सेना पर आरोप
एक फरवरी को म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद 700 से अधिक लोग मारे गए हैं। उस तख्तापलट में आंग सान सू की के नेतृत्व वाली एक निर्वाचित सरकार को अपदस्थ कर दिया गया था। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार मानवाधिकार समूहों ने बताया कि अडानी पोर्ट्स की सब्सिडरी कंपनी ने सैन्य-नियंत्रित फर्म को किराए में लाखों डॉलर का भुगतान करने की सहमति दी थी। इसके बाद भारत के अडानी समूह ने 31 मार्च को कहा कि वह म्यांमार में अपनी बंदरगाह परियोजना पर अधिकारियों और हितधारकों से परामर्श करेगा।
शेयर में गिरावट
इस खबर का अडानी पोर्ट्स के शेयर पर नकारात्मक असर दिख रहा है। आज दोपहर करीब 1 बजे बीएसई सेंसेक्स पर 28.10 रु या 3.77 फीसद की गिरावट के साथ 716.40 रु पर है। इस समय अडानी पोर्ट्स की मार्केट कैपिटल करीब 1.45 लाख करोड़ रु है। अडानी पोर्ट्स को अमेरिकी शेयर सूचकांक से हटाए जाने के फैसले का एक्टिविस्टों से स्वागत किया है। बता दें कि मानवाधिकार हनन के आरोप के चलते म्यांमार सेना को दुनिय़ा भर में आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। साथ ही अमेरिका और यूके ने एमईसी पर कई प्रतिबंध भी लगाए थे।
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