गजब : महामारी के दौरान सरकार को हुई ज्यादा कमाई
Government earning during pandemic: वित्तीय वर्ष 2020-21 पूरी तरह से महामारी से प्रभावित होने के बावजूद सरकार के लिए कमाई के नजरिए से अच्छा रहा है। इस दौरान सरकार की कमाई में अप्रत्यक्ष करों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक रही है। प्रत्यक्ष कर में आयकर और निगम कर आते हैं। अप्रत्यक्ष कर में सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क आदि आते हैं। अप्रत्यक्ष कर में गरीब और अमीर दोनों लोगों की हिस्सेदारी होती है
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पेट्रोलियम से हुआ बेहतर कर संग्रह
डेटा को रीड करने से पता चलता है कि समग्र कर संग्रह में अप्रत्यक्ष करों की हिस्सेदारी में वृद्धि पेट्रोलियम उत्पादों से बढ़े हुए कर संग्रह से जुड़ी हुई है। 2014-15 के बाद से ही पेट्रोलियम से कर संग्रह पर डेटा उपलब्ध कराया जाता है। डाटा के अनुसार सरकार को 12. 5 लाख करोड़ रुपये का संपूर्ण कर मिला था। इसमें 6.9 लाख करोड़ रुपये निगम और आयकर से आए थे, कर में 5.5 करोड़ रुपए की राशि अप्रत्यक्ष कर से था।
प्रत्यक्ष कर में आई है गिरावट
वर्ष 2014-15 के बाद से केंद्र के ग्रोस टैक्स संग्रह में निगम करों के हिस्से में लगातार गिरावट आई है। वित्त वर्ष 2014-15 में यह 34.5 प्रतिशत था जो वित्त वर्ष 2020-21 में 6 प्रतिशत तक गिर गया है। वित् वर्ष 2020-21 में निगम करों में वृद्धि हुई थी लेकिन 2014 की तुलना में अभी भी यह कम है। इसी अवधि के दौरान, ग्रोस टैक्स कलेक्शन में आयकर की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2014-15 के मुकाबले 8 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2019-20 तक 24 प्रतिशत तक हो गई है। इनके मुकाबले अप्रत्यक्ष करों का दायरा लागातार बढ़ रहा है।
अप्रत्यक्ष करों की बढ़ी है हिस्सेदारी
वित्त वर्ष 2014-15 के बाद की अवधि में अप्रत्यक्ष करों की हिस्सेदारी में बेहतर वृद्धि देखी गई है। वित्त वर्ष 2014-15 में यह 44.4 प्रतिशत था। अब इसकी हिस्सेदारी 53 प्रतिशत हो गई है। अप्रत्यक्ष करों में वित्त वर्ष 2020-21 में गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन उसके बाद भी वित्त वर्ष 2014-15 के मुकाबले इसमें 5 प्रतिशत की भारी वृद्धि है। कॉर्पोरेट टैक्स में गिरावट के कारण अप्रत्यक्ष कर में वृद्धि और भी तेज हुई है।