Auto Sales : Maruti और Tata की सेल्स बढ़ी, चेक करें बाकी कंपनियों के आंकड़े
October Auto Sales : अक्टूबर 2022 में मारुति सुजुकी की बिक्री 21 प्रतिशत बढ़कर 1.67 लाख यूनिट हो गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में कंपनी की 1.38 लाख यूनिट की बिक्री हुई थी। घरेलू बिक्री 25 प्रतिशत बढ़कर 1.47 लाख इकाई हो गई जबकि निर्यात 4 प्रतिशत कम हो गया। ये ग्रोथ लो बेस के कारण रही। लो बेस का मतलब है कि पिछले साल समान महीने कंपनी की सेल्स सामान्य स्तर से कम रही थी। ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि एक साल पहले इसी अवधि में कंपनी ने उत्पादन कम कर दिया था। ऐसा सेमीकंडक्टर्स की शॉर्टेज के कारण हुआ था। आगे जानिए बाकी कंपनियों की सेल्स के आंकड़े।
टाटा मोटर्स
अक्टूबर 2022 में टाटा मोटर्स की कुल बिक्री 78,335 इकाई रही, जो एक साल पहले इसी अवधि में 67,829 से 15 प्रतिशत अधिक थी। ये वृद्धि मुख्य रूप से यात्री वाहनों की बिक्री के कारण हुई जो 33 प्रतिशत बढ़ी और 45,423 इकाई रही।
हुंडई की सेल्स
हुंडई मोटर इंडिया ने मंगलवार को अक्टूबर में कुल बिक्री में 33 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 58,006 इकाइयों की बिक्री की सूचना दी। कंपनी ने एक बयान में कहा कि कंपनी ने पिछले साल अक्टूबर में डीलरों को 43,556 इकाइयां भेजी थीं। अक्टूबर 2021 में 37,021 इकाइयों की तुलना में पिछले महीने घरेलू बिक्री 30 प्रतिशत बढ़कर 48,001 इकाई हो गई। निर्यात 53 प्रतिशत बढ़कर 10,005 इकाई हो गया, जबकि एक साल पहले महीने में यह 6,535 इकाई था।
महिंद्रा एंड महिंद्रा
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने घोषणा की कि अक्टूबर 2022 के महीने में उसकी कुल ऑटो बिक्री 61,114 वाहनों की रही, जो एक साल पहले इसी अवधि में 47,017 इकाइयों की बिक्री से 54.8 प्रतिशत अधिक थी। यूटिलिटी व्हीकल सेगमेंट में महिंद्रा ने 32,226 वाहन बेचे। यात्री वाहन खंड में 32,298 इकाइयों की बिक्री हुई। जबकि कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में महिंद्रा ने 20,980 यूनिट्स की बिक्री की।
अशोक लेलैंड
अक्टूबर के महीने में अशोक लीलैंड की 14,863 यूनिट्स की बिक्री 34 प्रतिशत अधिक रही, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 11,079 यूनिट्स की बिक्री हुई थी।
बजाज ऑटो
अक्टूबर 2022 में बजाज ऑटो की कुल बिक्री एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में 10 प्रतिशत घट गई। दोपहिया वाहन सेगमेंट में कंपनी ने एक साल पहले इसी अवधि में 3.91 लाख इकाइयों की बिक्री की थी, उसकी तुलना में इसकी बिक्री 3.41 लाख इकाई रह गयी। यानी 13 प्रतिशत की गिरावट। जबकि तिपहिया वाहनों की बिक्री में 10.4 फीसदी का इजाफा हुआ। ऑटोमेकर के निर्यात में एक बड़ी गिरावट आई। ये 31 प्रतिशत कम हुआ।