ATM : पैसा कटा पर मिला नहीं, तो जानिए क्या कहता है RBI का नियम
नई दिल्ली, सितंबर 01। एटीएम या ऑटोमेटेड टेलर मशीन का उपयोग बैंक शाखा में जाए बिना नकदी निकालने और अन्य वित्तीय और गैर-वित्तीय कार्यों को करने के लिए किया जाता है। एटीएम का उपयोग करने से आप इलेक्ट्रॉनिक बैंकिग का लाभ उठा सकते हैं। एटीएम की मदद से बिलों का भुगतान, खातों के बीच धन ट्रांसफर आदि किया जा सकता है। एटीएम मशीनों का उपयोग करने के लिए एक व्यक्तिगत पहचान संख्या यानि कि पिन कोड के साथ एक डेबिट या एटीएम कार्ड की आवश्यकता होती है।
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बिना पैसे निकले खाते से पैसा कटने पर क्या होगा
क्या आपने कभी सोचा है कि अगर एटीएम ट्रांजेक्शन गलत हो गया या विफल हो गया और आपका अकाउंट डेबिट हो गया तो क्या होगा?
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार, ऐसे मामले में, बैंकों को अपने आप लेनदेन को रिवर्स करने की आवश्यकता होती है। हालांकि, हमेशा सलाह दी जाती है कि जितनी जल्दी हो सके कार्ड जारी करने वाले बैंक से शिकायत दर्ज कराएं।
पाच दिन में पैसे वापस आने का है प्रावधान
आपको बता दें कि बैंकों को एक असफल लेनदेन के बाद पांच कैलेंडर दिनों के बाद ग्राहकों के खातों को क्रेडिट करने की आवश्यकता होती है। यदि बैंक ऐसा नहीं करता है, तो ग्राहक एक असफल लेन-देन के बाद के दिनों की संख्या से अधिक की देरी के लिए मुआवजे का हकदार होता है।
बैंक को देना पड़ सकता है मुआवजा
आरबीआई के अनुसार, "कार्ड जारी करने वाले बैंक को विफल एटीएम लेनदेन की तारीख से 5 कैलेंडर दिनों से अधिक ग्राहक की राशि को फिर से जमा करने में देरी के लिए प्रति दिन 100 / - रुपये का मुआवजा देना होगा।
कहा कर सकते हैं शिकायत
आरबीआई के अनुसार, ग्राहक अपने बैंक से संपर्क कर सकता है। यदि ग्राहक बैंक के जवाब से संतुष्ट नहीं है या 30 दिनों के भीतर बैंक से जवाब नहीं मिलने की स्थिति में ग्राहक रिजर्व बैंक-एकीकृत लोकपाल योजना का सहारा ले सकते हैं।"
साथ ही, ग्राहक https://cms.rbi.org.in/cms/indexpage.html#eng (शिकायत प्रबंधन प्रणाली) पर ऑनलाइन शिकायत भी कर सकते हैं।