5 साल नौकरी करने वालों को मिल रही है Mercedes कार, जानिए पूरा मामला
Ashneer Grover Mercedes : भारतपे के को-फाउंडर और बिजनेस रियलिटी टेलीविजन सीरीज शार्क टैंक के पूर्व जज अशनीर ग्रोवर ने हाल ही में अपनी नई कंपनी, थर्ड यूनिकॉर्न के लॉन्च को प्रमोट करने के लिए अपने लिंक्डइन पेज को अपडेट किया। अशनीर अपने नए प्रयास यानी नयी कंपनी में शामिल होने के लिए निवेशकों और संभावित टीम के सदस्यों को आमंत्रित करते रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने एक खास ऐलान भी किया है। उन्होंने पांच साल तक फर्म के साथ रहने वाले कर्मचारियों को रिवार्ड के रूप में एक शानदार मर्सिडीज कार देने का ऐलान किया है।
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ये है खास मैसेज
उन्होंने अपने लिंक्डइन अकाउंट पर लिखा कि आइए 2023 में कुछ काम करें। इसके अलावा, अशनीर ने कहा कि थर्ड यूनिकॉर्न में हम चुपचाप और पीसफुली बाजार को हिला देने वाले बिजनेस का निर्माण कर रहे हैं। बिना लाइमलाइट के अश्नीर चुपचाप अपनी नयी फर्म पर काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे लिखा कि हम चीजों को अलग तरीके से कर रहे हैं। बहुत अलग तरीके से।
बरकरार है सस्पेंस
अशनीर ने साथ में एक प्रेजेंटेशन भी प्रोवाइड की, जिसमें उनके आगामी वेंचर पर एक नज़र डाली गयी है। उन्होंने वास्तव में क्या कहा वे ये है - तो अगर आप अगली TODU - FODU चीज़ का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो हम कैसे बना रहे हैं, इसकी एक झलक है। हम जो बना रहे हैं वह अरबों डॉलर का सवाल बना हुआ है। इसके अलावा, अशनीर ने कहा कि जो कोई भी थर्ड यूनिकॉर्न के साथ कम से कम पांच साल तक रहेगा, उसे मर्सिडीज बतौर रिवार्ड मिलेगी।
जून में रखी थी नींव
अशनीर अपनी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर के साथ थर्ड यूनिकॉर्न को बनाने में लगे हुए हैं। जून में उनका 40वां जन्मदिन था। उस मौके पर उन्होंने अपने नए वेंचर की नींव रखी थी। अशनीर ने इंवेंटर्स को फंड का योगदान करने के लिए भी आमंत्रित किया है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि कंपनी केवल इंडिया-बेस्ड निवेशकों की तरफ देख रही है। उन्होंने वेंचर कैपिटलिस्ट्स से अपने वेंचर से दूर रहने को कहा है। उन्होंने केवल स्वदेशी/स्व-अर्जित पूंजी का उपयोग करने की बात कही।
भारतपे से हटाया गया
भारतपे सीक्विया और रिबिट द्वारा प्रमोटेड एक कंपनी है। भारतपे से इसके के सह-संस्थापक और सीईओ, ग्रोवर और उनकी पत्नी, माधुरी जैन ग्रोवर दोनों को पिछले साल कॉरपोरेट गवर्नेंस विफलताओं के नतीजे में उनके पदों से हटा दिया गया था।
भारतपे को आरबीआई की मंजूरी
एक अन्य खबर के अनुसार हाल ही में फिनटेक यूनिकॉर्न भारतपे को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर (पीए) के रूप में काम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से मंजूरी मिल गयी। रेसीलिएंट्स पेमेंट्स नाम की कंपनी (जो कि भारतपे की 100 प्रतिशत सब्सिडरी कंपनी है) को मंजूरी मिली है। दिसंबर में, डिजिटल पेमेंट प्रोसेसिंग फर्म वर्ल्डलाइन ईपेमेंट्स इंडिया और फिनटेक स्टार्टअप पेशार्प को भी आरबीआई से पीए के रूप में कार्य करने के लिए मंजूरी मिल गयी थी। पिछले कुछ महीनों में ओपन, इंफीबीम और कैशफ्री सहित कई अन्य फिनटेक कंपनियों को पीए लाइसेंस के लिए मंजूरी मिली है।