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एक और मजदूर की चमकी किस्मत, खदान में मिला कई कैरेट का हीरा

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नई दिल्ली, जून 30। मध्य प्रदेश (एमपी) के एक पूर्व प्रवासी श्रमिक की किस्मत हाल ही में बदल गयी। इस मजदूर को राज्य के पन्ना जिले की एक खदान से 3.15 कैरेट का हीरा मिला है। आपको बता दें कि एमपी के पन्ना जिले में बहुत से लोगों को हीरे मिले हैं। इसी कड़ी में सुरेंद्रपाल लोधी की नाम भी जुड़ गया है। आगे जानिए कि उन्हें कैसे ये हीरा मिला है।

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पट्टे की खदान में हीरा मिला

पट्टे की खदान में हीरा मिला

सुरेंद्रपाल लोधी ने करीब नौ महीने खनन किया। मगर उन्हें कुछ हाथ नहीं लगा। इसके बाद लोधी को कृष्णा कल्याणपुर की एक पट्टे की खदान में हीरा मिला। स्थानीय विशेषज्ञों ने इस हीरे की कीमत को लेकर अनुमान लगाया है। उनके अनुमान के अनुसार लोधी को मिला हीरा नीलामी में करीब 10-12 लाख रुपये में बिक सकता है। हीरा मिलने पर एक प्रोटोकॉल फॉलो किया जाता है, जिसके मुताबिक लोधी ने इसे पन्ना स्थित सरकारी हीरा कार्यालय में जमा करा दिया है।

हीरे की होगी नीलामी

हीरे की होगी नीलामी

लोधी को जो हीरा मिला है, अब उसकी नीलामी की जाएगी। फिर जो अंतिम कीमत तय होगी, उसमें से सरकारी रॉयल्टी काटी जाएगी और बाकी पैसे का भुगतान उस व्यक्ति को किया जाएगा जिसने इसे ढूंढा है यानी कि सुरेंद्रपाल लोधी।

क्या करेंगे पैसों का
 

क्या करेंगे पैसों का

लोधी का कहना है कि वे इस हीरे की नीलामी से जो पैसे मिलेंगे उससे अपने बच्चों की शिक्षा का ध्यान रखेंगे। इस पैसे से उनकी आर्थिक तंगी कम होगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में पन्ना जिला स्थित है। यहां 12 लाख कैरेट के हीरे के भंडार होने का अनुमान है।

बहुत लोग करते हैं हीरों की खोज

बहुत लोग करते हैं हीरों की खोज

पन्ना में कुछ बड़े पैमाने पर खनन परियोजनाएं चल रही हैं। वहीं कई अन्य व्यक्ति या छोटे समूह भी यहां हीरों की खोज कर रहे हैं। ये खोज ज्यादातर खनन के लिए सरकार से लीज पर ली गई जमीन पर होती हैं। मध्य प्रदेश सरकार ऐसे लोगों को 8×8 मीटर भूखंड पट्टे पर देती है, जो हीरे के लिए बजरी धोते हैं। ये कारीगर खान कहलाए जाते हैं। ये हीरे की तलाश के लिए बजरी और चट्टानों को तोड़ने के लिए कुल्हाड़ी या हाथ से पकड़े जाने वाले उपकरणों से काम लेते हैं।

क्या है पन्ना का इतिहास

क्या है पन्ना का इतिहास

पन्ना भारतीय राज्य मध्य प्रदेश में पन्ना जिले का एक शहर और एक नगर पालिका है। यह अपनी हीरे की खानों और सुंदर और दिव्य मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यह पन्ना जिले का प्रशासनिक केंद्र है। जीन-बैप्टिस्ट टैवर्नियर के 1676 'ट्रैवल्स इन इंडिया' को संपादित करने वाले वैलेंटाइन बॉल के अनुसार, टाइफेंथेलर 1765 में खदानों का दौरा करने वाले पहले यूरोपीय थे और उन्होंने दावा किया कि पन्ना हीरे की भारत में अन्य स्थानों के साथ कठोरता की तुलना नहीं की जा सकती है। इस क्षेत्र से वास्तव में कोई बड़ा हीरा नहीं आया है। सबसे अधिक उत्पादक खदानें 1860 के दशक में थीं और पन्ना से लगभग 32 किलोमीटर (20 मील) दूर सकारिया में पाई गईं। पन्ना हीरों को चार वर्गीकरण दिए गए : पहला, मोतीचूल; दूसरा, माणिक ; तीसरा, पन्ना और चौथा, बन्सपुट।

English summary

Another laborer luck bright diamond of several carats found in the mine

Many people have got diamonds in Panna district of MP. Surendrapal Lodhi's name has also been added in this episode. Know more how he got this diamond.
Story first published: Thursday, June 30, 2022, 18:59 [IST]
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