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एक और Jhunjhunwala : शेयर बाजार से बना करोड़पति, 5000 रु से की थी शुरुआत

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नई दिल्ली, अगस्त 23। इंदौर के एक छोटे शहर का एक युवा लड़का, लक्ष्य सिंह, का सपना था अपने भैया की तरह एक सेना अधिकारी बनने का। मगर किस्मत को कुछ और मंजूर था। कुछ साल बाद वे एक बड़ी वजह से डिप्रेशन में चले गये। वजह थी वह शेयर बाजार के एक असफल ट्रेडर बने गये थे, जिस पर बैंकों, दोस्तों और परिवार के सदस्यों तक का कर्ज था। लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय अपने अंदर की शक्ति जुटाई और घाटे को मैनेज करने का तरीका सीखा। चीजें जल्द ही बदलने लगीं और लक्ष्य ने अपना सारा कर्ज चुका दिया और कई करोड़ रु भी कमाए। निफ्टी ऑप्शन बेचने में बिजी नहीं होने पर, वे यूट्यूब वीडियो बनाने और युवाओं को सलाह देते हैं। खुद को 'सुपर ट्रेडर लक्ष्य' कहने वाले लक्ष्य 31 साल के हैं।

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कैसे हुई शेयर बाजार की शुरुआत

कैसे हुई शेयर बाजार की शुरुआत

ईटी की रिपोर्ट के अनुसार लक्ष्य कहते हैं कि जब वे कॉलेज में पढ़ रहे थे तो उनके दोस्तों ने उन्हें शेयर बाजार से परिचित कराया। उन्होंने 2008 में 5,000 रुपये से शुरुआत की थी। वे ऑप्शन, इंट्रा-डे ट्रेडिंग के साथ-साथ आईपीओ में निवेश करते थे। सत्यम दुर्घटना के दौरान उन्हें बहुत बड़ा नुकसान हो गया। इसने उनके लिए इस मिथक को खत्म कर दिया कि ट्रेड करना आसान है। उस समय के यूनिटेक, जेपी, एचडीआईएल, आदि जैसे शेयरों में भी उन्हें नुकसान हुआ। उस समय तक, उनका कुल 3 लाख रुपये का निवेश घट कर 60,000 रुपये रह गया था।

35 लाख रु का नुकसान

35 लाख रु का नुकसान

धीरे-धीरे, लक्ष्य ने इंडेक्स ऑप्शंस में ट्रेडिंग करना शुरू किया और 2012 में कुछ स्थिरता देखी। उनकी सैलेरी 35,000 रुपये थी और वे उस लोन को चुकाने के लिए ईएमआई में अपनी लगभग 30 प्रतिशत सैलेरी गंवा रहे थे, जो उन्होंने ट्रेडिंग के लिए ली थी। लक्ष्य ने 12 लाख रुपये के कर्ज से 35 लाख रुपये कमाए। इससे वे ओवर कॉन्फिडेंस हो गये थे। फिर उन्हें नुकसान हुआ और 35 लाख रुपये शून्य हो गये।

2016 में फिर लिया कर्ज

2016 में फिर लिया कर्ज

2016 में, उन्होंने 22 लाख रुपये का कर्ज लिया जिसके बाद उनकी ईएमआई कंट्रोल से बाहर हो गई। वे डिप्रेशन में चले गये और बॉस से लड़ाई के बाद नौकरी भी गयी। उन्हें सर्वाइव करने के लिए अपनी बाइक, फोन और हर कीमती सामान बेचना पड़ा और यहां तक कि दोस्तों और चचेरे भाइयों से पैसे भी उधार लेने पड़े। आखिरकार कुछ समय बाद उन्हें दूसरी नौकरी मिल गई लेकिन उनकी सैलरी का 90 फीसदी ईएमआई में जा रहा था। इसलिए उन्हें एक फूड स्टॉल खोलना पड़ा। वे खाली समय में चाय, पोहा और खाना बेच रहे थे।

शानदार प्लानिंग और मैनेजमेंट सीखा

शानदार प्लानिंग और मैनेजमेंट सीखा

फिर उन्होंने कुछ समय के लिए ट्रेडिंग करना बंद कर दी और आत्म-नियंत्रण और निश्चित लक्ष्य सीखने के बाद ही फिर से इसकी शुरुआत की। वे बाजार से पैसे निकालते रहे। उनके अनुसार अगर आप पैसा कमा रहे हैं तो आपको कुछ निकाल लेना चाहिए। पहले खुद के लिए खर्च करना सबसे अच्छी नीति है। जैसे-जैसे उनकी ट्रेडिंग रिजल्ट अधिक सही होते गए, तो उन्होंने 3 साल पहले अपनी नौकरी छोड़ दी। लक्ष्य को एहसास हुआ कि उनकी ट्रेडिंग अच्छी थी लेकिन मानसिकता खराब थी।

बन गए एक और झुनझुनवाला

बन गए एक और झुनझुनवाला

28-29 साल की उम्र में वे 1.10 लाख रुपये महीने की जॉब पर काम कर रहे थे। यह किसी ड्रीम जॉब से कम नहीं थी। लेकिन उन्होंने छोड़ दी। उन्होंने ट्रेडिंग को लेकर अपना फॉर्मूला बदल दिया। उन्होंने 10% पेआउट शुरू किया और केवल 1.5 वर्षों में लगभग 3.5 करोड़ रुपये कमाए। वे इन दिनों ज्यादातर ऑप्शन लेकर हैं। पहले वे छोटी पूंजी से ट्रेड करते थे इसलिए खरीदते थे। अब उनकी पूंजी बढ़ गई है। ऑप्शन बेचने के लिए अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है लेकिन इससे उन्हें मानसिक शांति मिलती है। उनके पास ब्लूचिप शेयरों का लंबी अवधि का पोर्टफोलियो भी है।

English summary

Another Jhunjhunwala become Crorepati from stock market started with Rs 5000

Lakshya says that his friends introduced him to the stock market when he was studying in college. He started with Rs 5,000 in 2008.
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