कोरोना इफेक्ट : कारोबारी दिखा रहे बड़ा दिल, खुलकर दे रहे मदद
देश में कोराना का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। कोरोना की लड़ाई में देश के उद्योगपति अब सामने आने लगे हैं।
नई दिल्ली: देश में कोराना का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। कोरोना की लड़ाई में देश के उद्योगपति अब सामने आने लगे हैं। जी हां ऐसे में कारोबार एवं उद्योग जगत इस बीमारी से निपटने में मदद के लिए आगे आया है, इसकी शुरुआत भी हो गई है। आनंद महिंद्रा की घोषणा के बाद अब वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल और पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने भी मदद का ऐलान किया है। सबसे पहले बात करें वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल की तो उन्होंने कोरोना वायरस को रोकने के लिए 100 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया है। इसी तरह पेटीएम के संस्थापक विजय शर्मा ने कोरोना वायरस की दवा बनाने के लिए पांच करोड़ रुपये देने की बात कही है।
आनंद महिंद्रा ने की सबसे पहले शुरुआत
बता दें कि कारोबार जगत से सबसे पहले महिंद्रा ऐंड महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने मदद के लिए आगे आते हुए रविवार को ऐलान किया था कि वह अपनी पूरी सैलरी इसके लिए स्वेच्छा से दान करेंगे। उन्होंने अपने सहयोगियों से भी कोरोना से जुड़े फंड लिए दान करने को कहा। उन्होंने अगले महीनों में और योगदान करने की बात कही। इसके पहले आनंद महिंद्रा ने अपने ट्वीट में ये भी लिखा था, 'कई रिपोर्ट के आधार पर यह माना जा सकता है कि कोरोना महामारी के मामले में भारत स्टेज-3 में प्रवेश कर चुका है। आगे यह तेजी से बढ़ सकता है और लाखों लोग इसके शिकार हो सकते हैं और इससे हमारे मेडिकल ढांचे पर भारी दबाव पड़ेगा।
अनिल अग्रवाल देंगे 100 करोड़
अनिल अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा कि मैं इस महामारी से लड़ाई के लिए 100 करोड़ देने का वचन दे रहा हूं। हमें देश की जरूरत के लिए वचन के तहत यह कर रहे हैं। यह वह समय है जब देश को हमारी सबसे ज्यादा जरूरत है। बहुत से लोग भविष्य को लेकर अनिश्चित हैं और मैं खासकर रोज कमाकर गुजारा करने वालों के लिए चिंतित हूंष हम अपनी तरफ से मदद की पूरी कोशिश करेंगे।
पेटीएम ने की ये घोषणा
इसके साथ ही पेटीएम ने कोरोना वायरस की दवा विकसित करने के लिए भारतीय रिसर्चर्स को पांच करोड़ रुपये देने की बात कही है। पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने कल रविवार को ट्वीट किया कि हमें अधिक संख्या में भारतीय इनोवेटर्स, शोधकर्ताओं की जरूरत है जो वेंटिलेटर की कमी और कोविड के इलाज के लिए देसी समाधान खोज सकें। पेटीएम कोविड संबंधित चिकित्सा समाधानों पर काम करने वाले ऐसे दलों को पांच करोड़ रुपये देगा।
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