अनिल अंबानी की कंपनी ने ठोका Adani पर 13,400 करोड़ रु का दावा, जानिए पूरा मामला
नई दिल्ली, सितंबर 12। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने कहा है कि कंपनी ने अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड के खीलाफ शिकायत दायर की है। रिलायंस के मुताबिक कंपनी के अडानी को उसके मुंबई बिजली-वितरण व्यवसाय को बेचने के सौदे के संबंध में 134 अरब रुपये (1.7 अरब डॉलर) के सेटलमेंट के लिए मध्यस्थता दावा दायर किया है। स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, रिलायंस ने शिकायत में दिसंबर 2017 के समझौते की शर्तों में उल्लंघन का हवाला दिया। अनिल अंबानी की कंपनी ने मुंबई सेंटर फॉर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन के समक्ष अपने दावे में अडानी को घेरा है। कंपनी ने इस संबंध में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है।
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2017 का है मामला
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने बताया है कि उसने अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड को अपने मुंबई बिजली-वितरण व्यवसाय को बेचने के सौदे के संबंध में 134 अरब रुपये (1.7 अरब डॉलर) का मध्यस्थता दावा दायर किया। स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक, रिलायंस ने दिसंबर 2017 के समझौते की शर्तों में उल्लंघन का हवाला दिया है। मुंबई सेंटर फॉर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन के समक्ष अपने दावे का बयान दायर किया। कंपनी विवाद के बारे में विस्तार से नहीं बताया है।
अडानी की नहीं आई है कोई प्रतिक्रीया
रिलायंस ने कहा, "वित्तीय निहितार्थ का पता नहीं लगाया जा सकता है और यह मध्यस्थता और बाद की कानूनी चुनौतियों के अंतिम परिणाम पर निर्भर है। हालांकि अडानी समूह ने अभि तक इस विषय में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। 2017 में, अदानी समूह ने 18,800 करोड़ रुपये के सौदे में मुंबई बिजली कारोबार का अधिग्रहण किया था। इस समझौते के तहत अनिल अंबानी की कंपनी ने शहर में अपना ऊर्जा कारोबार अदानी ट्रांसमिशन को बेच दिया था। कारोबार में उत्पादन, वितरण और ट्रांसमिशन शामिल था। इन पैसों का उपयोग अनिल अंबानी ने उधार चुकाने के लिए किया था।
एमसीआईए
एमसीआईए साइट पर एक बयान के मुताबिक, मुंबई अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एमसीआईए) भारत में अपनी तरह का पहला मध्यस्थ संस्थान है, जिसे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय व्यापार और कानूनी समुदायों के बीच संयुक्त पहल में स्थापित किया गया है।