Yes Bank ने किया Anil Ambani के मुख्यालय पर कब्जा, जानिए क्यों
नई दिल्ली। कभी मुकेश अंबानी से भी अमीर रहे अनिल अंबानी अब परेशानियों का सामना कर रहे हैं। स्थिति यह आ गई है कि जिस बड़े भाई से रिश्ता बिगड़ा था, उसी से पैसे लेकर कर्ज चुकाना पड़ा, नहीं तो जेल जाने की नौबत आ गई थी। अभी ऐसी दिक्कतों से अनिल अंबानी उबर ही रहे थे कि अब उनका मुख्यालय जब्त होने की तैयारी है। इसके अलावा कुछ आफिस कब्जे में लिए भी जा चुके हैं। आइये जानते हैं कि कभी अमीर रहे अनिल अंबानी के सामने यह नई मुसीबत कौन सी आ गई है।
यस बैंक ने उठाया है सख्त कदम
अनिल अंबानी ने देश के कई बैंकों से कर्ज ले रखा है। इसमें एक बैंक यस बैंक भी है। इस बैंक के मालिक पर काफी बड़े आरोप लगे हैं, और अब यह भी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने इस यस बैंक की कमान अब देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक को सौंप दी है। इसके बाद से यस बैंक अब कर्ज वसूली में सख्ती कर रहा है। इसी क्रम में यस बैंक ने अनिल अंबानी के मुख्यालय को जब्त करने की तैयारी की है।
यस बैंक ने भेजा नोटिस
लोन डिफॉल्ट के मामले में यस बैंक ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए उनके सांताक्रूज स्थित रिलायंस के हेडक्वॉर्टर के लिए नोटिस ऑफ पजेशन भेज दिया है। यही नहीं यस बैंक ने हेडक्वॉर्टर के अलावा साउथ मुंबई स्थित रिलायंस के दो अन्य ऑफिस के लिए भी यह नोटिस भेजा है।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने लिया था कर्ज
यस बैंक के अनुसार उसने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को 2892 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। यह प्रक्रिया उसी कर्ज की रिकवरी के सिलसिले में अपनाई गई है। बैंक ने रिलायंस के नागिन महल स्थित ऑफिस की दो फ्लोर अपने कब्जे में ले ली हैं। बैंक को अधिकार है कि वह डिफॉल्टर के असेट को अपने अधिकार में ले और उसकी बिक्री कर कर्ज की भरपाई करे।
यस बैंक ने पहले जारी किया था नोटिस
यस बैंक पर बैड लोन का बहुत बड़ा बोझ है, जिसे कम किया जा रहा है। अनिल अंबानी ग्रुप पर कंपनी का करीब 12000 करोड़ रुपये का बकाया है। बैंक ने कहा कि उसने इस कार्रवाई से पहले रिलायंस ग्रुप को 60 दिनों का नोटिस जारी किया था, जिसकी समयसीमा 5 मई को समाप्त हो गई थी। इस दौरान कंपनी रीपेमेंट करने में फेल रही, जिसके बाद बैंक ने यह कार्रवाई की है।
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