Amazon : ऐसे पहुंची 100 देशों में, कभी किताबें बेच कर हुई थी शुरुआत
नई दिल्ली, अगस्त 16। जिस समय लोग इंटरनेट से दूर हुआ करते थे। उस समय एक व्यक्ति ने ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट की शुरुवात की। इस व्यक्ति ने नौकरी छोड़कर एक कंपनी शुरू की जो कुछ ही समय में दुनिया भर में छा गई। उस कंपनी का नाम अमेजन है। जिसका इस्तेमाल कभी न कभी आपने भी किया ही होगा। वर्ष 1990 के दशक की शुरुवात में ही बेजोस ने ठान लिया था। वे इंटरनेट से जुड़े कार्य करेंगे। फिर उन्हें ऑनलाइन शॉपिंग का आइडिया आया और परिणाम स्वरूप अमेजन की शुरुवात हुई।
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अमेजन की शुरुवात किताब बेचने से हुई
अमेरिका के टेक्नोलॉजी हब सियटल में वर्ष 1994 में बेजोस ने अमेजन की स्थापना की। उन्होंने वर्ष 1995 में ऑनलाइन किताब बेचने से शुरुवात हुई। इस तरह दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी की शुरुवात हुई। अमेजन का पहला आईपीओ वर्ष 1997 में खुला। उस समय कंपनी के शेयर की कीमत 18 डॉलर थी और जो एक वर्ष में ही 105 डॉलर तक पहुंच गई थी।
बिजनेस 100 से अधिक देशों में
ब्रैड स्टोन की किताब 'द एवरीथिंग स्टोर: जेफ बेजोस एंड द ऐज ऑफ अमेजन' के अनुसार वर्ष 1995 में अमेजन के लॉन्च के बाद 1 महीने के अंदर 50 राज्यों और 45 देशों से ऑनलाइन ऑर्डर लिए है। वर्ष 1999 में टाइम मैगजीन ने उन्हें 'किंग ऑफ साइबरकॉमर्स' की उपाधि से नवाजा। ग्लोबल शिपिंग प्रोग्राम के तहत अमेजन ने 100 से अधिक देशों में अपने प्रोडक्ट की डिलीवरी करती है। अमेजन ने भारत में व्यापार की शुरुवात 2012 में की।
1.40 ट्रिलियन डॉलर के पार मार्केट कैप
कंपनी के शुरू होने के 3 वर्षो के अंदर ही अमेजन का मार्केट शेयर 1 अरब डॉलर के पार पहुंच गया था। जिसकी कीमत 3600 करोड़ रु उस समय के हिसाब से होती है। 1 से लेकर 100 अरब पहुंचने में अमेजन को 14 वर्ष लग गए। वर्ष 2018 में अमेजन का मार्केट कैप पहली बार 1 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंचा। जिसकी वैल्यू उस वक्त 68 लाख करोड़ रूपये थी। अभी अमेजन का मार्केट कैप 1.40 ट्रिलियन डॉलर मतलब 111 लाख करोड़ रूपये है।