कमाल : ऑस्ट्रेलिया में 1 करोड़ रु की सैलेरी, पर नहीं हैं काम करने वाले
नई दिल्ली, अगस्त 09। बहुत से लोग काफी मेहनत वाला काम करते हैं, मगर फिर भी उनकी सैलेरी उनके मन मुताबिक नहीं होती। कुछ लोग अपनी डिग्री या अनुभव के आधार पर जॉब मिल पाने को लेकर काफी हताश होते हैं। मगर एक जगह बहुत सामान्य काम के बदले 1 करोड़ रु की नौकरी मिल रही है, पर फिर भी वहां उसके लिए लोग नहीं मिल रहे हैं। जी हां ये खबर है ऑस्ट्रेलिया से, जहां भारतीय मुद्रा में एक जॉब के लिए 1 करोड़ रु से अधिक की सैलेरी पर भी लोग नहीं मिल रहे हैं। जानिए क्या है पूरा मामला।
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क्या है काम
इस समय ऑस्ट्रेलिया में सफाई कर्मचारियों की मांग अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गयी है। मगर वहां इस काम को करने वाले लोग नहीं है। ऑस्ट्रेलिया में एक सफाईकर्मी को सैलेरी के रूप में भारत के डॉक्टर या इंजीनियर से कहीं ज्यादा ऑफर किया जा रहा है। इसका एक ही कारण है और वो है देश में सफाई कर्मचारियों की कमी।
कितना है सैलेरी पैकेज
असल में कुछ सफाई सेवा कंपनियों ने कर्मचारियों के लिए 1 करोड़ रु तक के वेतन की पेशकश की है। मगर समस्या ये है कि वहां इस फील्ड के लोग ढूंढे से भी नहीं मिल रहे। इस स्थिति से निपटने के लिए कई कंपनियों ने सफाई कर्मचारियों की सैलेरी बढ़ाई है। ये बढ़ोतरी घंटे के हिसाब से की गयी है। बढ़ोतरी इतनी है कि कर्मचारियों को हर महीने करीब 8,00,000 रुपये मिल रहे हैं।
98 लाख रु का सालाना पैकेज
हैरानी की बात यह है कि इतनी अधिक सैलेरी बढ़ाने के बावजूद देश में सफाईकर्मी नहीं मिल रहे और उनकी कमी बरकरार है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऐसे कर्मचारियों का औसत वेतन पैकेज 72,00,000 रुपये से लेकर 80,00,000 रुपये तक है। मगर कुछ कंपनियां इसे बढ़ा कर 98,00,000 रुपये तक कर चुकी हैं।
सैलेरी बढ़ाना मजबूरी
डेली टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारियों का वेतन इसलिए बढ़ाया जा रहा है क्योंकि ये सर्विस एजेंसियों की मजबूरी बना गयी है। सिडनी स्थित सफाई कंपनी एब्सोल्यूट डोमेस्टिक्स के प्रबंध निदेशक जो वेस ने कहा कि सफाई करने वाले लोग नहीं हैं, इसलिए सैलेरी बढ़ानी पड़ रही है। अब सफाई विभाग का वेतन बढ़ा कर 45 डॉलर प्रति घंटा कर दिया गया है। ये 3600 रुपये प्रति घंटा है।
पहले कितना था वेतन
ऑस्ट्रेलिया में सफाई कर्मियों की कमी 2021 से जारी है। करीब एक साल पहले सफाईकर्मी को 2700 रुपये प्रति घंटा दिया जा रहा था। मगर अब ये 3500-3600 रुपये तक पहुंच गया है। इतना ही नहीं कुछ कंपनियों ने इसे बढ़ा कर 4700 रुपये प्रति घंटा कर दिया है, बल्कि कोई कोई कंपनी तो इससे भी ज्यादा करने को तैयार है। खिड़कियों तक की सफाई के लिए 82 लाख रुपये प्रति वर्ष तक सैलेरी मिल रही है। मालूम हो कि एक समय ब्रिटेन में भी ऐसी ही स्थिति थी। वहां सफाई कर्मचारियों को केवल गोभी तोड़ने के लिए 65,00,000 रुपये सालाना वेतन की पेशकश की जा रही थी। इस तरह की और भी रिपोर्ट्स दुनिया भर से आती रहती हैं।