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प्याज : सरकार को होने लगी चिंता, लगाई एक्सपोर्ट पर रोक

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नयी दिल्ली। प्याज की कीमतें बढ़ने के साथ ही सरकार को चिंता होने लगी है। इसीलिए हर किस्म की प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इनमें कटी, पाउडर फॉर्म या टुकड़े हुई प्याज के निर्यात पर पाबंदी नहीं होगी। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा प्याज की सभी किस्मों का निर्यात तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित है। इसमें बैंगलोर गुलाब प्याज और कृष्णापुरम प्याज शामिल हैं। प्याज की इन किस्मों पर अब तक निर्यात पर कोई पाबंदी नहीं थी। आपको बता दें कि प्याज के निर्यात पर पाबंदी उन शुरुआती कदमों में से एक है जो सरकार इसके दाम बढ़ाने पर उठाती है। इस समय देश के अलग-अलग हिस्सों में प्याज 40-50 रु तक किलो तक बिक रहा है। पिछले साल के आखिरी महीनों में भी प्याज के दाम काफी बढ़ गए थे, जिसकी असल वजह थी सप्लाई में कमी। सप्लाई बढ़ाने के लिए सरकार को कई देशों से प्याज आयात करना पड़ा था।

कितना हुआ प्याज का निर्यात

कितना हुआ प्याज का निर्यात

भारत ने वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून अवधि में 19.8 करोड़ डॉलर की प्याज का निर्यात किया, जबकि पूरे 2019-20 में 44 करोड़ डॉलर प्याज का निर्यात किया गया था। बांग्लादेश, मलेशिया, यूएई और श्रीलंका भारतीय प्याज के प्रमुख आयातक हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी के मुताबिक प्याज के रेट में वृद्धि हुई है और घरेलू बाजार में प्याज की कमी है। उनके मुताबिक प्याज की ये कमी मौसमी है। वहीं कोरोना महामारी के दौरान पिछले कुछ महीनों में भारी मात्रा में निर्यात भी किया गया।

पिछले साल भी लिया था ऐसा ही फैसला

पिछले साल भी लिया था ऐसा ही फैसला

केंद्र सरकार ने पिछले साल भी देश में प्याज की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और इसके शिपमेंट पर अंकुश लगाने और घरेलू स्तर पर बढ़ती कीमतों को कम करने में मदद के लिए प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 850 डॉलर प्रति टन निर्धारित किया था। महाराष्ट्र और कर्नाटक प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य हैं, मगर इन राज्यों के कुछ हिस्सों में बाढ़ के कारण बाजार में प्याज की कमी हो गई थी। इस साल मार्च में एमईपी हटा लिया गया था और प्याज को निर्यात के लिए स्वतंत्र कर दिया गया था।

बारिश है बड़ा कारण

बारिश है बड़ा कारण

थोक मंडियों में इस साल भी प्याज के दाम बढ़ने का कारण सप्लाई कम होना है। अगस्त में देश के कई हिस्सों में जबरदस्त बारिश हुई। इस बारिश से कर्नाटक में बाजार के लिए लगभग तैयार प्याज की लगभग पूरी फसल खराब हो गई। ये प्याज सितंबर की शुरुआत में बाजार में आती। इसके साथ ही मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में स्टोर की गई प्याज पर भी बारिश ने कहर बरपाया। इस समय केवल महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक हैं जिन्होंने मार्च-अप्रैल में फसल का उत्पादन किया है। नवंबर की शुरुआत में महाराष्ट्र में नई फसल आने तक आपूर्ति में व्यवधान जारी रहने की संभावना है। नई फसल आने के बाद ही प्याज के दाम सामान्य हो सकते हैं। सरकार प्याज के काबू में रखने के लिए बड़ा स्टॉक भी बनाती है।

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English summary

All types of onion exports banned as prices rise

India exported 198 million dollar onions in the April-June period of the fiscal year 2020-21, while 44 million dollars onions were exported throughout 2019-20.
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